छठ से पहले यमुना में फिर दिखा जहरीला झाग, छठ व्रतियों की बढ़ी चिंता

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (19 October 2025): दिल्ली में छठ पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन इससे पहले यमुना नदी का प्रदूषित रूप एक बार फिर चिंता का कारण बन गया है। रविवार सुबह कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी की सतह पर सफेद जहरीला झाग तैरता हुआ नजर आया, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की टेंशन बढ़ गई है। यह वही जगह है जहां हर साल हजारों लोग सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए पहुंचते हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के हालिया दावे के बावजूद, नदी में झाग की मौजूदगी ने सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

झाग का कारण औद्योगिक कचरा और सीवेज

यमुना में बनने वाला यह सफेद झाग दरअसल औद्योगिक कचरे और अनट्रीटेड सीवेज के पानी के कारण बनता है। जब यह दूषित पानी नदी में मिल जाता है, तो उसमें मौजूद फॉस्फेट और डिटर्जेंट जैसे तत्व हवा के संपर्क में आकर झाग का रूप ले लेते हैं। हर साल छठ पर्व से पहले यह दृश्य दोहराया जाता है, जिससे न केवल श्रद्धालुओं को परेशानी होती है बल्कि नदी के जलजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र पर भी गंभीर असर पड़ता है। स्थानीय लोग इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए कह रहे हैं कि सफाई के दावों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के सफाई दावे पर सवाल

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कुछ दिन पहले ही कालिंदी कुंज का दौरा कर दावा किया था कि इस बार यमुना पूरी तरह स्वच्छ और झाग-मुक्त है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि “इस बार दिल्ली की महिलाएं गंदगी रहित यमुना में सूर्य देव को अर्घ्य देंगी।” उन्होंने पूर्व आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगाया था कि उनके शासनकाल में श्रद्धालुओं को दूषित पानी में पूजा करनी पड़ती थी। लेकिन रविवार को सामने आए दृश्य ने उनके दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सरकार का दावा: सफाई और निगरानी जारी

सरकार की ओर से कहा गया है कि सफाई और झाग नियंत्रण के लिए विशेष टीमें तैनात हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि यमुना की सतह पर नजर आने वाले झाग को हटाने के लिए डिफोम कंसंट्रेट का उपयोग किया जा रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल और NMCG व USFDA से अप्रूव्ड है। साथ ही, दिल्ली जल बोर्ड और पर्यावरण विभाग के सैकड़ों कर्मचारी घाटों पर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं ताकि छठ पूजा से पहले नदी को अधिकतम हद तक स्वच्छ किया जा सके। सरकार का कहना है कि कुछ वीडियो “पुराने या भ्रामक” हैं, जबकि वास्तविक स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

श्रद्धालुओं की उम्मीद और प्रशासन की चुनौती

छठ पर्व 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा और कालिंदी कुंज घाट पर हर साल हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं। इस बार भी लोग स्वच्छ यमुना में अर्घ्य देने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन झाग की परत ने उन्हें निराश किया है। प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि कुछ ही दिनों में नदी को पूरी तरह स्वच्छ कैसे बनाया जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल तात्कालिक सफाई से नहीं, बल्कि सीवेज ट्रीटमेंट और औद्योगिक अपशिष्ट नियंत्रण की दीर्घकालिक नीति से ही संभव है। फिलहाल, श्रद्धालु प्रार्थना कर रहे हैं कि छठ के दिन यमुना का जल साफ हो और वे सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा निर्विघ्न रूप से निभा सकें।।


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