CBI द्वारा आयोजित “भगोड़ों का प्रत्यर्पण: चुनौतियां और रणनीतियां” में क्या बोले गृह मंत्री
टेन न्यूज नेटवर्क
New Delhi News (16 October 2025): केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में CBI द्वारा आयोजित सम्मेलन ‘भगोड़ों का प्रत्यर्पण: चुनौतियां और रणनीतियां’ (Conference on Extradition of Fugitives: Challenges and Strategies) को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव, विदेश सचिव, आसूचना ब्यूरो और सीबीआई के निदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ Rule of Law की मज़बूती सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि भगोड़े अपराधियों का मुद्दा सिर्फ कानून और व्यवस्था तक सीमित नहीं, बल्कि यह देश की संप्रभुता, आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। जब तक विदेशों में बैठे अपराधियों के मन में भारतीय न्याय प्रणाली का भय नहीं होगा, तब तक देश को पूरी तरह सुरक्षित नहीं किया जा सकता।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार आर्थिक, साइबर, आतंकवादी घटनाओं या संगठित अपराधों में लिप्त हर भगोड़े को ‘रुथलेस अप्रोच’ से कानून के सामने खड़ा करने की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा कि अब भगोड़े अपराधियों के मन से यह भ्रम समाप्त हो रहा है कि देश का कानून उन तक नहीं पहुंच सकता।
गृह मंत्री ने कहा कि हर राज्य को CBI के सहयोग से ऐसी यूनिट बनानी चाहिए जो राज्य के भगोड़ों को वापस लाने के तंत्र की रचना करे। उन्होंने बताया कि CBI ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों को पकड़ने के लिए एक विशेष Global Operation Centre स्थापित किया है, जो दुनियाभर की पुलिस से real-time समन्वय कर रहा है। जनवरी 2025 से सितंबर तक 189 से अधिक Red Corner Notice जारी किए गए हैं, जो सीबीआई के इतिहास में सबसे अधिक हैं।
गृह मंत्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018’ के तहत पिछले 4 वर्षों में लगभग 2 बिलियन डॉलर की रिकवरी हुई है। उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून को और सख्त बनाते हुए 2014 से 2023 के बीच लगभग 12 बिलियन डॉलर की संपत्ति अटैच की गई है।
गृह मंत्री ने कहा कि नए आपराधिक कानून—भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)—21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार हैं। उन्होंने कहा कि 2027 के बाद किसी भी एफआईआर में सुप्रीम कोर्ट तक तीन वर्ष में न्याय मिल सकेगा। BNSS में Trial In Absentia का प्रावधान पहली बार शामिल किया गया है, जिससे किसी भगोड़े की अनुपस्थिति में भी उसका ट्रायल हो सकेगा।
अमित शाह ने कहा कि भारतपोल, MAC और Operation Trishul जैसे अभियानों से भारत ने भगोड़ों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि अब हर राज्य को Expert Special Cell बनाना होगा जो प्रत्यर्पण मामलों की तैयारी और समीक्षा करे।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक राज्य में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशेष कारागार बनाए जाएं और पासपोर्ट प्रक्रिया में ऐसा protocol तय किया जाए जिससे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ Red Corner Notice जारी होने पर उसका पासपोर्ट तुरंत Red Flag हो सके।
अमित शाह ने कहा कि “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अपराधी की चाल कितनी भी तेज़ हो, न्याय की पहुंच उससे भी अधिक तेज़ हो।” उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हर भगोड़े को कानून के दायरे में लाने के लिए संगठित, रणनीतिक और समयबद्ध तंत्र तैयार किया जाए।
गृह मंत्री ने अंत में कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत अब उन सभी अपराधियों तक कानून की पहुंच सुनिश्चित कर रहा है जो देश के बाहर रहकर आर्थिक अपराध, आतंकवाद और संगठित अपराध को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि अब यह युग “रूल ऑफ लॉ के वैश्विक सशक्तिकरण” का है और भारत इस दिशा में निर्णायक कदम बढ़ा रहा है।।
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