सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स को गिराने का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई से किया इनकार
टेन न्यूज़ नेटवर्क
New Delhi News (11 October 2025): दिल्ली के चर्चित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स को गिराने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। इससे उत्तरी दिल्ली में स्थित इन बहुमंजिला इमारतों को ढहाए जाने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश में दखल देने से इनकार किया, जिसमें इन इमारतों को खतरनाक और असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद डीडीए को इन्हें गिराने की अनुमति दी गई थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह रिकॉर्ड पर है कि इमारतें अब रहने योग्य नहीं हैं।
डीडीए ने बताया, अधिकांश निवासियों ने खाली किए मकान
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) की ओर से वरिष्ठ वकील संजय जैन और स्टैंडिंग काउंसिल संजय कटियाल ने जानकारी दी कि हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ज्यादातर लोगों ने अपने मकान खाली कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि कुल 336 फ्लैट मालिकों में से 235 ने इमारत खाली करने की मंशा जाहिर कर दी है, जबकि 133 निवासियों को डीडीए ने अस्थायी तौर पर किराए के मकान उपलब्ध कराए हैं। अदालत ने माना कि डीडीए ने निवासियों को कम से कम असुविधा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।
पांच संस्थाओं ने इमारत को बताया असुरक्षित
डीडीए की ओर से पेश दस्तावेजों में कहा गया कि पांच अलग-अलग एजेंसियों ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स को असुरक्षित घोषित किया है। इनमें डीडीए द्वारा गठित एक समिति, कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पैनल, नेशनल काउंसिल फॉर सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटेरियल्स की रिपोर्ट और दिल्ली नगर निगम के दो स्वतंत्र आदेश शामिल हैं। सभी जांचों में यह पाया गया कि इमारतों में संरचनात्मक कमजोरी, दीवारों में दरारें और खंभों में गंभीर क्षति है। हाई कोर्ट ने भी इन निष्कर्षों को तीन बार बरकरार रखा था, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
निवासियों की दलील हुई खारिज
कुछ निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी थी कि जब तक फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) से जुड़ा मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक इमारतों को नहीं गिराया जाना चाहिए। उनका कहना था कि डीडीए को पुनर्निर्माण की स्पष्ट योजना प्रस्तुत करनी चाहिए। हालांकि, अदालत ने माना कि सुरक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है और FAR से जुड़ा मुद्दा बाद में निपटाया जा सकता है। अदालत ने कहा कि “जब इमारतें रहने योग्य नहीं हैं, तो वहां लोगों की जान जोखिम में नहीं डाली जा सकती।”
2010 की योजना का हुआ अंत
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट्स, डीडीए की वर्ष 2010 की एक महत्वाकांक्षी आवासीय योजना का हिस्सा थे, जिनमें कुल 336 फ्लैट बनाए गए थे 224 उच्च आय वर्ग (HIG) और 112 मध्यम आय वर्ग (MIG) श्रेणी के। 2012 में कब्जा मिलने के कुछ ही वर्षों बाद इन इमारतों की बाहरी दीवारों का प्लास्टर झड़ने लगा और स्तंभों में दरारें पड़ने लगीं। पिछले महीने हाई कोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया था कि 12 अक्टूबर तक सभी निवासी इमारतें खाली कर दें और पुनर्निर्माण की अवधि तक किराया उन्हें प्रदान किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब इन इमारतों को ढहाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।।
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