मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के निवासियों को अल्टीमेटम, जानें कब तक खाली करना होगा फ्लैट
टेन न्यूज़ नेटवर्क
New Delhi News (05 October 2025): मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को लेकर बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के आदेश के बाद नगर निगम (MCD) ने सभी 336 फ्लैटों को 12 अक्टूबर तक खाली कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है। निगम ने आरडब्ल्यूए कार्यालय में अपने कर्मचारियों को तैनात कर बिजली और पानी की एनओसी का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं, 13 अक्टूबर की सुबह से अपार्टमेंट की बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब तक 230 फ्लैट खाली हो चुके हैं, जबकि शेष 106 फ्लैटों को सात दिनों के भीतर खाली करना होगा।
2011 में हुआ था अपार्टमेंट का आवंटन
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार राकेश ने बताया कि सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में कुल 224 एचआईजी और 112 एमआईजी फ्लैट हैं, जिनका आवंटन वर्ष 2011 में हुआ था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 से ही इमारत में तकनीकी खामियां नजर आने लगी थीं। 2015 में जब डीडीए ने दीवारों की परत हटाई तो पिलर में लगे स्टील बार्स में जंग पाया गया। उस समय एनसीबीएम ने मरम्मत की सिफारिश की थी, लेकिन डीडीए ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। 2018-19 में कई फ्लैटों की छतें गिरने लगीं, जिसके बाद निवासियों ने आंदोलन किया और डीडीए को दोबारा जांच करानी पड़ी।
IIT दिल्ली और श्रीराम रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में बताया गया खतरनाक ढांचा
डीडीए की नई जांच रिपोर्ट आईआईटी दिल्ली के स्ट्रक्चरल इंजीनियर प्रो. शशांक बिश्नोई और श्रीराम रिसर्च इंस्टिट्यूट ने तैयार की। रिपोर्ट में साफ कहा गया कि सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट की मरम्मत न तो तकनीकी रूप से और न ही आर्थिक रूप से संभव है। इसके आधार पर उपराज्यपाल (LG) ने इमारत खाली कराने का आदेश दिया। एलजी ने स्पष्ट किया कि कोई भी सरकारी संस्था अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती। एलजी के हस्तक्षेप के बाद डीडीए ने निर्णय लिया कि वह निवासियों को किराया देगी और तीन वर्षों में नई इमारत बनवाकर उन्हीं को आवास वापस देगी।
निवासियों को डीडीए देगा किराया, तय हुई मासिक राशि
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अमरेंद्र राकेश के अनुसार, हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद डीडीए ने 1 जुलाई 2023 से किराया देने पर सहमति जताई है। एलआईजी फ्लैट धारकों को ₹38,000 और एचआईजी फ्लैट धारकों को ₹50,000 मासिक किराया दिया जाएगा, जिसमें हर वर्ष 10% की बढ़ोतरी होगी। डीडीए का दावा है कि तीन साल में नई बिल्डिंग तैयार कर लोगों को उनके फ्लैट वापस सौंप दिए जाएंगे। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
किराए के मकान मिलना हुआ मुश्किल
स्थानीय निवासी संदीप ने बताया कि किराए के मकानों की दरों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पहले जो फ्लैट ₹40,000 में किराए पर मिलते थे, अब वे ₹50,000 से ऊपर हो गए हैं। कुछ मकान मालिक ₹60,000 से ₹70,000 तक की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, घर खाली करते समय सारा सामान बाहर ले जाने और नए स्थान पर बसाने में भी काफी खर्च आ रहा है। निवासियों का कहना है कि वर्षों से सहेजे गए अपने घर और सजावट को छोड़ना उनके लिए भावनात्मक और आर्थिक रूप से कठिन साबित हो रहा है।।
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