सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने किया स्वागत
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (22 अगस्त 2025)
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का स्वागत किया है, जिसमें आवारा कुत्तों को राहत देते हुए उन्हें शैल्टर होम से रिहा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का यह फैसला पूरी तरह मानवीय आधार पर लिया गया है। आदेश के अनुसार अब सिर्फ बीमार और आक्रामक खतरनाक कुत्तों को ही शैल्टर होम में रखा जाएगा, जबकि बाकी कुत्तों की नसबंदी कराकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा। साथ ही, सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर दिल्ली में आवारा कुत्तों की संख्या इतनी अधिक कैसे बढ़ गई कि आज यह आंकड़ा 10 लाख से भी ज्यादा हो गया है। उन्होंने निगम और संबंधित विभागों की निष्क्रियता को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने याद दिलाया कि 2013 में जहां दिल्ली में केवल 60,000 आवारा कुत्ते थे, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 10 लाख तक पहुंच गई, जो दिल्ली नगर निगम की पूर्ण विफलता का प्रमाण है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पशु कल्याण एकता ट्रस्ट ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात कर सहमति जताई कि कांग्रेस सरकार के समय अपनाई गई कार्यशैली — जैसे नसबंदी और टीकाकरण — को मौजूदा निगम में भी लागू किया जाना चाहिए।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को 11 अगस्त को हस्तक्षेप कर आदेश देना पड़ा, क्योंकि दिल्ली सरकार और निगम ने कभी इस गंभीर विषय पर ध्यान ही नहीं दिया। राजधानी में डॉग बाइट और रेबीज से मौतों के बढ़ते मामले लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल (1998 से 2013 तक) और निगम में कांग्रेस के शासन (2002 से 2007 तक) के दौरान आवारा कुत्तों पर पूरी तरह नियंत्रण था। लेकिन 2007 से 2022 तक निगम पर भाजपा और 2014 से 2025 तक दिल्ली सरकार पर आम आदमी पार्टी के शासन में इस समस्या पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते हर साल लगभग एक लाख नए आवारा कुत्ते जुड़ते चले गए और डॉग बाइट्स के मामलों में भी लगातार इजाफा हुआ।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बड़े पैमाने पर आवारा कुत्तों को हटाने की बजाय बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन, सामूहिक टीकाकरण और नसबंदी कार्यक्रम जैसे मानवीय समाधानों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि निगम में भाजपा और दिल्ली सरकार में आम आदमी पार्टी समय रहते टीकाकरण व नसबंदी करती, तो सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करने की नौबत ही नहीं आती।
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