मोहन भागवत धर्मगुरु नहीं है, NGO की तरह सीमित रहें: महंत आदित्य कृष्णागिरी
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (26 दिसंबर 2024): भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना ने अपने मुख्यालय संकट मोचन मंदिर, सलारपुर सेक्टर 102, नोएडा में “अटल सम्मान समारोह” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय हिंदू सेना के परमाध्यक्ष महंत आदित्य कृष्ण गिरी जी महाराज ने की। कार्यक्रम का संयोजन जितेंद्र पाठक ने किया, जबकि मंच संचालन जयकांत वत्स ने किया। समारोह में सामाजिक, प्रशासनिक, धार्मिक और पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियों को “अटल सम्मान” से सम्मानित किया गया। इसी कड़ी में टेन न्यूज की टीम ने अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना के परमाध्यक्ष आदित्य कृष्णागिरी से खास बातचीत की, प्रस्तुत है खास संवाद के कुछ अंश…
अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना ने अटल सम्मान समारोह क्यों आयोजित किया?
अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना के परमाध्यक्ष आदित्य कृष्णागिरी ने बताया कि अटल जी एक विचारक, कवि और पत्रकार थे। उन्होंने समाज को एक नई दिशा देने का काम किया। अटल जी के बहुमुखी व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए, उनकी जयंती के अवसर पर पत्रकारों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि अब तक अटल जी के नाम पर पत्रकारों को सम्मानित नहीं किया गया था। यह पहल उनके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और उसे आत्मसात करने के उद्देश्य से की गई है।
मंदिर-मस्जिद विवाद पर आपकी क्या राय है?
आदित्य कृष्णागिरी ने स्पष्ट किया कि यह केवल मंदिरों का प्रकरण है, न कि मंदिर-मस्जिद का। उन्होंने कहा कि जिन मंदिरों पर कब्जा किया गया था, उन्हें खाली कराया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पिछले 70 वर्षों में हिंदुओं को दबाने की राजनीति की गई। उन्होंने विपक्ष पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और केवल मुस्लिम वोट बैंक पर ध्यान देने का आरोप लगाया।
RSS प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए बयान पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
आदित्य कृष्णागिरी ने मोहन भागवत के बयान की आलोचना की और कहा कि मोहन भागवत धर्मगुरु नहीं हैं, उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज मस्जिदें नहीं तोड़ रहा, बल्कि अपने मंदिरों पर कब्जा हटाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने मोहन भागवत के बयान को जागृत हिंदू समाज को फिर से दबाने का प्रयास बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि RSS का काम एक NGO की तरह है और उन्हें उसी तक सीमित रहना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना भविष्य में क्या कदम उठाने वाली है?
आदित्य कृष्णागिरी ने कहा कि अटल जी के नाम पर पत्रकारों को सम्मानित करने की परंपरा को आगे भी जारी रखा जाएगा। यह पहल नई पीढ़ी को उनके व्यक्तित्व और योगदान से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित करेगी।
अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेना ने अटल जी के बहुमुखी व्यक्तित्व और उनकी जयंती के महत्व को रेखांकित करते हुए पत्रकारों के सम्मान का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। साथ ही, मंदिरों के कब्जे और राजनीतिक तुष्टिकरण जैसे मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखी।।
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