सेंट जोसेफ चर्च में धूमधाम से मना क्रिसमस: शांति और प्रेम का संदेश

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (25 दिसंबर 2024): विश्वभर में 25 दिसंबर को ईसाई समुदाय द्वारा प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में क्रिसमस बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ग्रेटर नोएडा के सेंट जोसेफ चर्च में इस वर्ष भी यह त्यौहार पूरी धूमधाम से मनाया गया। चर्च को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से सजाया गया, जिससे माहौल उत्सवमय हो उठा।

रात्रि 11 बजे से हुई प्रेयर की शुरुआत

24 दिसंबर की रात 11 बजे चर्च के पेरिस प्रीस्ट फादर एंड्रयू कोरिया ने प्रेयर की शुरुआत की। उन्होंने बाइबल के अध्यायों का पाठ करते हुए प्रभु यीशु के जीवन और उनके संदेशों को भक्तों के साथ साझा किया। फादर एंड्रयू ने बताया कि यीशु मसीह शांति, प्रेम और मानवता के प्रतीक हैं, और उनके जीवन से हमें त्याग और करुणा का संदेश मिलता है।

कैरोल सिंगिंग और बच्चों की प्रस्तुतियों ने मोहा मन

क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा प्रस्तुत कैरोल सिंगिंग ने सभी का दिल जीत लिया। गानों के माध्यम से प्रभु यीशु के जन्म और उनके कार्यों का वर्णन किया गया। बच्चों ने झांकियों और नृत्य प्रस्तुतियों के जरिए क्रिसमस के महत्व को सरल और प्रभावशाली तरीके से पेश किया।

फादर एंड्रयू और फादर जिप्सन का प्रेरणादायक संदेश

फादर एंड्रयू कोरिया ने अपने संबोधन में प्रभु यीशु मसीह के मानवता के लिए दिए गए बलिदानों और उनके प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि यीशु ने अपने जीवन से लोगों को शांति और सद्भाव का रास्ता दिखाया। फादर जिप्सन पेल्टी ने भी बाइबल के अध्यायों का पाठ करते हुए यीशु के जीवन और उनके आदर्शों पर प्रकाश डाला।

झांकियों और सामूहिक प्रार्थना का आयोजन

22 दिसंबर को चर्च में आयोजित झांकियों ने भी कार्यक्रम को विशेष बनाया। शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने प्रभु यीशु के जन्म और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को सुंदर झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में सामूहिक प्रार्थना के बाद फादर एंड्रयू ने सभी का धन्यवाद किया और चर्च की सजावट और बच्चों के प्रयासों की सराहना की।

पारिवारिक परंपराओं को अपनाने का आग्रह

फादर एंड्रयू ने लोगों से आग्रह किया कि वे परिवार के साथ समय बिताएं और त्योहार की खुशियों को साझा करें। उन्होंने प्रार्थना करने और प्रभु यीशु के जीवन से प्रेरणा लेने की सलाह दी।

क्रिसमस का संदेश और महत्व

प्रभु यीशु का जन्म बेथलहम के एक गौशाले में हुआ था। कठिन परिस्थितियों में जन्मे यीशु ने अपने जीवन से प्रेम, क्षमा और करुणा का संदेश दिया। क्रिसमस न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी एकता और भाईचारे का प्रतीक है। सेंट जोसेफ चर्च में इस बार का क्रिसमस आयोजन न केवल आध्यात्मिकता से भरा रहा, बल्कि यह शांति, प्रेम और मानवता का संदेश भी छोड़ गया।।


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