सहकारिता क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में केंद्र सरकार प्रतिबद्ध: अमित शाह

टेन न्यूज नेटवर्क

New Delhi News (06 August 2025): केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में सहकारिता मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल और मुरलीधर मोहोळ, समिति के सदस्य, मंत्रालय के सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय सहकारी संस्थाओं को सशक्त और सफल व्यावसायिक इकाइयों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा निर्धारित 2 लाख बहुद्देशीय सहकारी समितियों की स्थापना के लक्ष्य के तहत अब तक 35,395 नई समितियाँ गठित की जा चुकी हैं, जिनमें 6,182 प्राथमिक कृषि साख समितियाँ (MPACS), 27,562 डेयरी और 1,651 मत्स्य सहकारी समितियाँ शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री शाह ने बताया कि भूमिहीनों और गरीबों के लिए सहकारिता क्षेत्र समृद्धि की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर रहा है। उन्होंने बताया कि तीन राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों – नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL), नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) का गठन किया गया है। NCOL किसानों की जैविक उपज के प्रमाणन, ब्रांडिंग और विपणन में सहयोग करता है; NCEL किसानों के उत्पादों के निर्यात की सुविधा देता है; और BBSSL पारंपरिक बीजों के संरक्षण, भंडारण और उत्पादन पर कार्य कर रहा है। सरकार अब छोटे किसानों से परंपरागत बीजों के लिए अनुबंध भी करेगी ताकि उन्हें भी लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के तहत अगले पांच वर्षों में सहकारी समितियों के माध्यम से दूध संग्रहण को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 15,691 नई डेयरी सहकारी समितियाँ पंजीकृत की जा चुकी हैं और 11,871 मौजूदा समितियों को सशक्त किया गया है। NDDB तथा 25 दुग्ध संघों ने 15 राज्यों में डेयरी सहकारिताओं में बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

सहकारिता मंत्रालय ने पिछले चार वर्षों में 100 से अधिक पहलें की हैं, जिनमें PACS, डेयरी, मत्स्य, सहकारी बैंक, चीनी सहकारी समितियाँ और शासन प्रणाली की मजबूती शामिल है। नीति सुधार, वित्तीय सहायता, डिजिटल सुधार और संस्थागत क्षमता निर्माण जैसे कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय सहकारी नीति-2025 इस क्षेत्र के सतत विकास के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रदान करती है और पीएम मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) जैसे सरकारी योजनाओं से समन्वय को भी सुनिश्चित करती है।

बैठक में सहकारिता मंत्रालय द्वारा अपनी चार वर्षीय उपलब्धियों की प्रस्तुति दी गई, जिसमें बताया गया कि अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC), राष्ट्रीय समन्वय समिति (NLCC), राज्य सहकारी विकास समिति (SCDC) और जिला सहकारी विकास समिति (DCDC) जैसे संस्थागत ढांचे स्थापित किए गए हैं।

मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि संसद द्वारा स्थापित त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिया गया है, जो देश में सहकारी शिक्षा व प्रशिक्षण को एकीकृत व मानकीकृत करेगा और इस क्षेत्र के लिए दक्ष मानव संसाधन तैयार करेगा।

बैठक में समिति के सदस्यों ने सहकारिता क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए। मंत्रालय ने ग्रामीण भारत में सहकारी संस्थाओं को विकास, समानता और आत्मनिर्भरता के इंजन के रूप में सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।।


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