भारत करेगा एआई इम्पैक्ट समिट की मेजबानी: तकनीक के लोकतंत्रीकरण और स्वदेशी भाषा मॉडल पर रहेगा फोकस

टेन न्यूज नेटवर्क

New Delhi News (30 July 2025): भारत सरकार फरवरी 2026 में एआई इम्पैक्ट समिट की मेजबानी करेगी, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों की वास्तविक चुनौतियों को हल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप, सरकार एआई को सभी के लिए सुलभ और सुरक्षित बनाने की दिशा में बहुआयामी प्रयास कर रही है।

भारत में विकसित हो रहे स्वदेशी एआई मॉडल

भारत में स्थानीय संदर्भों, बोलियों और सांस्कृतिक विविधताओं को ध्यान में रखते हुए स्वदेशी बड़े भाषा मॉडल विकसित किए जा रहे हैं। इंडियाएआई मिशन के तहत चुने गए चार स्टार्टअप – सर्वम एआई, सोकेट एआई, ज्ञानी एआई और गण एआई – 14 से 120 बिलियन पैरामीटर तक के एआई मॉडल विकसित कर रहे हैं। ये मॉडल स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, जलवायु और शासन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उपयोग होंगे और ओपन सोर्स बनाए जाएंगे ताकि अन्य स्टार्टअप्स भी भारत-विशिष्ट एप्लिकेशन तैयार कर सकें।

उन्नत जीपीयू और कंप्यूटिंग अवसंरचना

भारत ने इंडियाएआई कंप्यूट पोर्टल के माध्यम से 34,381 जीपीयू की व्यवस्था की है, जिसमें NVIDIA H100, H200, B200, Intel Gaudi 2/3 और AMD MI300X जैसे अत्याधुनिक प्रोसेसर शामिल हैं। ये जीपीयू शिक्षा जगत, स्टार्टअप्स, एमएसएमई और सरकारी संस्थानों को 67 रुपये प्रति घंटे की रियायती दर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

डेटासेट प्लेटफॉर्म “एआईकोश” और सार्वजनिक हित के एप्लिकेशन

AIKosh प्लेटफॉर्म पर 1000+ क्यूरेटेड भारत-विशिष्ट डेटासेट और 208 एआई मॉडल उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों से जुड़े डाटा शामिल हैं। इसके साथ ही, इंडियाएआई मिशन के अंतर्गत 30 स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिनमें जलवायु, स्वास्थ्य, कृषि, शासन और शिक्षा में एआई के अनुप्रयोग विकसित किए जा रहे हैं।

वैश्विक विस्तार और एआई स्टार्टअप को समर्थन

इंडियाएआई स्टार्टअप्स ग्लोबल प्रोग्राम के तहत 10 भारतीय स्टार्टअप्स को पेरिस के स्टेशन एफ में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये स्टार्टअप्स गोपनीयता, साइबर सुरक्षा, संवादात्मक एआई, फैशन, एजुकेशन और सुरक्षा के क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं।

सुरक्षित और जिम्मेदार एआई के लिए संस्थागत ढांचा

एआई के सुरक्षित और उत्तरदायी उपयोग के लिए IndiaAI सेफ्टी इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है, जो वॉटरमार्किंग, डीपफेक डिटेक्शन, गोपनीयता-संवर्धन, एआई पूर्वाग्रह शमन जैसे विषयों पर 10 तकनीकी परियोजनाओं का संचालन कर रहा है।

तकनीकी-कानूनी दृष्टिकोण और विनियमन

भारत सरकार एआई से उत्पन्न जोखिमों से निपटने के लिए तकनीकी और कानूनी समाधान का सम्मिलित दृष्टिकोण अपना रही है। आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों में डीपफेक पहचान, गोपनीयता संवर्धन और साइबर सुरक्षा से जुड़े अनुसंधान को वित्तपोषित किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000, भारतीय न्याय संहिता 2023, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम 2023, और आईटी नियम 2021 के अंतर्गत एआई के दुरुपयोग से निपटने के लिए स्पष्ट कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं। साथ ही, नागरिकों के लिए cybercrime.gov.in पोर्टल और टोल-फ्री नंबर 1930 भी सक्रिय किया गया है।

भारत का इंडियाएआई मिशन एक समग्र रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है, जो एआई को केवल तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और शासन के क्षेत्रों में सुधार का शक्तिशाली माध्यम मानता है। फरवरी 2026 में होने वाला एआई इम्पैक्ट समिट भारत के वैश्विक नेतृत्व को और सशक्त करेगा और एआई विकास में भारत की भूमिका को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करेगा।


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