New Delhi News (30 July 2025): कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच के सहयोग से “स्वावलंबिनी – महिला उद्यमिता कार्यक्रम” की शुरुआत फरवरी 2025 में की थी। यह कार्यक्रम एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में असम, मेघालय, मिजोरम, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के छह उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) व विश्वविद्यालयों में चलाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य युवा छात्राओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करना और उन्हें सफल उद्यमी बनने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराना है।
मंत्रालय इस कार्यक्रम को अपने दो स्वायत्त संस्थानों – राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD), नोएडा और भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE), गुवाहाटी के माध्यम से लागू कर रहा है। स्वावलंबिनी परियोजना एक संरचित और बहु-चरणीय प्रशिक्षण दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें विचार से लेकर व्यावसायिक इकाई के निर्माण तक छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
इस कार्यक्रम के तहत कुल 1200 छात्राओं को उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (EAP) में शामिल किया जाना था, जिनमें से 996 छात्राएं अब तक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। इनमें से चुनी गई 600 छात्राओं को उद्यमिता विकास कार्यक्रम (EDP) के तहत गहन प्रशिक्षण दिया जाना है, जिसमें अब तक 139 छात्राएं शामिल हो चुकी हैं। इस प्रशिक्षण में व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक कौशल विकास, वित्तीय सहायता, बाजार से जुड़ाव, कानूनी और अनुपालन सहायता, व्यावसायिक सेवाएं और नेटवर्किंग जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को 21 सप्ताह की मेंटरिंग और मार्गदर्शन सहायता भी दी जा रही है।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को उद्योग जगत के सफल उद्यमियों और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त होगा। ये विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा कर छात्राओं को व्यावहारिक जानकारी प्रदान करेंगे, जिससे वे अपने व्यावसायिक विचारों को वास्तविक उद्यमों में बदल सकें।
कार्यक्रम की दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने हेतु संकाय विकास कार्यक्रम (FDP) भी चलाया गया है, जिसमें HEIs/विश्वविद्यालयों के 75 संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से 43 को अब तक प्रशिक्षित किया जा चुका है। इससे संबंधित संस्थानों में शिक्षक अब महिला छात्राओं को बेहतर मार्गदर्शन देने में सक्षम होंगे।
नीति आयोग इस परियोजना के तहत कार्यशालाओं के आयोजन, मार्गदर्शन सहायता, प्रारंभिक निधि की व्यवस्था और “अवार्ड टू रिवॉर्ड (ATR)” के माध्यम से सफल उद्यमियों को सम्मानित करने की भूमिका निभा रहा है, जबकि MSDE पूरे कार्यक्रम की निगरानी और पर्यवेक्षण कर रहा है।
15 जुलाई 2025 तक प्राप्त आंकड़ों के आधार पर, मंत्रालय अब इस प्रायोगिक परियोजना के परिणामों का मूल्यांकन कर रहा है। यदि सकारात्मक परिणाम मिलते हैं तो स्वावलंबिनी कार्यक्रम को अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षण संस्थानों तक विस्तार देने की योजना है। इससे युवा महिलाओं को रोजगार सृजनकर्ता बनने और देश के नवाचार व उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देने की दिशा में एक सशक्त मंच प्राप्त होगा।
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।।
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