New Delhi News (11/07/2025): दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaipur Files ) की रिलीज से ठीक एक दिन पहले उस पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह फैसला उस याचिका के बाद आया है जिसे जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने दायर किया था। याचिका में दावा किया गया कि यह फिल्म एक विशेष धार्मिक समुदाय को बदनाम करती है और इससे देश में सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंच सकता है। अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वे अपनी आपत्ति 14 जुलाई तक केंद्र सरकार के समक्ष दर्ज कराएं और इसके बाद केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर उस पर निर्णय लेने को कहा गया है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की बेंच ने फिल्म को लेकर गंभीर चिंता जताई। अदालत को बताया गया कि फिल्म के ट्रेलर में नूपुर शर्मा का विवादित बयान भी दिखाया गया है और पैगम्बर मोहम्मद व उनकी पत्नियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि यह फिल्म न केवल मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाती है बल्कि देश के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ भी है। कोर्ट ने फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग करवाने के निर्देश दिए हैं ताकि याचिकाकर्ता और सेंसर बोर्ड की टीम पूरी फिल्म देख सकें।
याचिका में यह भी कहा गया कि फिल्म में देवबंद को कट्टरवाद का अड्डा बताया गया है और वहां के उलेमा के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है। याचिकाकर्ता के अनुसार, फिल्म में ज्ञानवापी मस्जिद जैसे संवेदनशील और वर्तमान में अदालत में लंबित मामलों का उल्लेख किया गया है, जिससे देश में कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि फिल्म मुस्लिम विरोधी भावना से प्रेरित है और इसका मकसद समुदाय विशेष को डराना व अपमानित करना है।
फिल्म के निर्माता जॉनी फायर फॉक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और वितरक एक्स कॉर्प्स को भी याचिका में पक्षकार बनाया गया है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणपत्र दिए जाने के बावजूद फिल्म के ट्रेलर में साफ तौर पर भड़काऊ और विभाजनकारी कंटेंट मौजूद है। याचिकाकर्ता ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देश के संवैधानिक मूल्यों और नागरिकों के सम्मानपूर्वक जीवन जीने के अधिकार का दुरुपयोग बताया।
गौरतलब है कि फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी और इसका ट्रेलर 2 मिनट 53 सेकंड का है। यह फिल्म 2022 में राजस्थान के उदयपुर में दर्ज एक नृशंस हत्या की घटना पर आधारित बताई जा रही है। परंतु ट्रेलर देखकर जमीयत-उलेमा-ए-हिंद का दावा है कि फिल्म पूरी तरह पूर्वाग्रह से ग्रसित है और इसका मकसद सिर्फ एक समुदाय को निशाना बनाकर समाज में वैमनस्य फैलाना है। अब इस फिल्म की रिलीज केंद्र सरकार के निर्णय और कोर्ट की अगली सुनवाई पर निर्भर होगी।
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