गुड़गांव (04 जुलाई 2025): बदलते दौर के साथ शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव तेजी से देखने को मिल रहे हैं। अब स्टूडेंट्स की रुचि पारंपरिक एकेडमिक कोर्स के बजाय प्रोफेशनल कोर्स में ज्यादा दिखाई दे रही है। यही वजह है कि गुड़गांव के सरकारी और निजी कॉलेज अब छात्रों की पहली पसंद नहीं रह गए हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने का स्टूडेंट्स को इंतजार है, और वे गुड़गांव के कॉलेजों को सिर्फ बैकअप विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।
इसका असर दाखिला प्रक्रिया पर भी साफ दिख रहा है। छात्र एडमिशन के लिए आवेदन तो कर रहे हैं, लेकिन फीस जमा नहीं कर रहे, जिससे सीटें पक्की नहीं हो रही हैं। बीते सालों की तरह इस साल भी यही ट्रेंड देखने को मिला है। जैसे ही दिल्ली यूनिवर्सिटी की मेरिट लिस्ट जारी होती है, छात्र गुड़गांव के कॉलेजों में की गई अपनी एप्लिकेशन कैंसल कर देते हैं। पिछले साल लगभग 20 प्रतिशत दाखिले इसी कारण से रद्द हो गए थे।
कॉलेज प्रबंधन के लिए यह स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है। एक बार सीटें खाली हो जाने के बाद उन्हें दोबारा भरना आसान नहीं होता। बीते वर्ष मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद 3 से 4 बार दाखिला पोर्टल खोला गया, फिर भी कई सीटें खाली रह गईं। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। पहली मेरिट लिस्ट के बाद मुश्किल से 25% सीटों पर ही एडमिशन हुआ है। सोमवार को जिन छात्रों का नाम पहली लिस्ट में आया था, उन्हें फीस जमा करनी थी, लेकिन बड़ी संख्या में उन्होंने यह कदम नहीं उठाया।
हरियाणा गवर्नमेंट कॉलेज टीचर एसोसिएशन के पूर्व प्रादेशिक उपाध्यक्ष और द्रोणाचार्य कॉलेज के पूर्व प्रफेसर सुभाष सपड़ा के अनुसार, अगर दूसरी मेरिट लिस्ट के बाद भी 25-30% सीटों पर ही दाखिला होता है, तो शेष सीटें सिर्फ ओपन काउंसलिंग के जरिए ही भरी जा सकती हैं।
उच्चतर शिक्षा विभाग के अनुसार यदि किसी कोर्स में 25% सीटों पर भी दाखिला नहीं होता है, तो कोर्स को बंद कर दिया जाएगा। पहले भी गुड़गांव के कई कॉलेजों में यही हुआ है। सेक्टर-9 स्थित गवर्नमेंट कॉलेज से ‘पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन’ छात्र संख्या कम होने के कारण बंद कर दिया गया था। इसी तरह रिठौज स्थित कॉलेज में भी दो विषयों की पढ़ाई स्थगित कर दी गई थी।
इस बीच, छात्रों को फीस जमा करने के लिए एक दिन की अतिरिक्त मोहलत दी गई है। पहले यह समय सीमा 30 जून तक थी, जिसे बढ़ाकर 1 जुलाई की रात 12 बजे तक कर दिया गया। इस कारण अब दूसरी मेरिट लिस्ट का शेड्यूल भी प्रभावित हो गया है। तय कार्यक्रम के अनुसार 2 जुलाई को दूसरी प्रोविजनल मेरिट लिस्ट जारी की जानी थी और 3 जुलाई को अंतिम सूची जारी होनी थी, लेकिन अब इसमें देरी हो सकती है।
दाखिला नोडल अधिकारियों ने संकेत दिया है कि पहली मेरिट लिस्ट के तहत हुए दाखिलों की संख्या के आधार पर ही दूसरी लिस्ट तैयार की जाएगी। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कॉलेज समय पर खाली सीटें भर पाएंगे या कुछ कोर्स बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे।।
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