अजनारा होम्स सोसाइटी पर पानी के दुरुपयोग का आरोप, 5 लाख का जुर्माना | Greater Noida Authority
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (25 जून 2025): सेक्टर 16 बी स्थित अजनारा होम्स सोसाइटी (Ajnara Homes Society) को पानी के अनुचित उपयोग के मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने कठोर कार्रवाई करते हुए 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया (Social Media) पर आई शिकायतों के आधार पर की गई, जहां निवासियों ने सोसाइटी में पेयजल संकट की बात कही थी।
प्राधिकरण के जल विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि शिकायतों की जांच के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। सबसे प्रमुख बात यह थी कि सोसाइटी का मोटर पंप लंबे समय से खराब था, जिससे पानी की आपूर्ति बाधित हो रही थी। इसके अतिरिक्त, जो पानी पेयजल आपूर्ति के तहत दिया जा रहा था, उसका उपयोग सोसाइटी प्रबंधन द्वारा बागवानी (Gardening), फ्लशिंग (Flushing) और हाउसकीपिंग (Housekeeping) जैसे गैर-पेय कार्यों में किया जा रहा था।
प्राधिकरण के अनुसार, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशानिर्देशों के तहत बागवानी और सफाई जैसे कार्यों में केवल (STP) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित जल का ही उपयोग किया जाना अनिवार्य है। लेकिन अजनारा होम्स सोसाइटी द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया गया, जिससे जल संकट और बढ़ गया।
प्राधिकरण के (ACEO) सुनील कुमार सिंह ने सोसाइटी प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत अपने जल आपूर्ति नेटवर्क की मरम्मत कराएं और यह सुनिश्चित करें कि पेयजल का इस्तेमाल केवल घरेलू उपयोग के लिए ही किया जाए। साथ ही, बागवानी, फ्लशिंग और हाउसकीपिंग जैसे कार्यों में शोधित जल का ही उपयोग किया जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे प्राधिकरण की छवि को भी नुकसान पहुंचता है, विशेषकर जब आमजन सोशल मीडिया पर शिकायतें दर्ज कराते हैं।जल्द ही प्राधिकरण अन्य सोसाइटियों की भी जांच करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और भी इस प्रकार के नियमों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है। अगर कहीं और भी इसी तरह की गड़बड़ियां मिलती हैं, तो वहां भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एनजीटी द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, पीने योग्य पानी का उपयोग केवल घरेलू गतिविधियों जैसे कि खाना बनाना, नहाना, पीना आदि में किया जा सकता है। अन्य सभी कार्यों के लिए रिसाइक्लिंग तकनीक (Recycling Method) से तैयार किया गया शोधित जल ही प्रयोग में लाया जाना चाहिए।
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