राष्ट्रोत्कर्ष दिवस 2025: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के 83वें प्राकट्य महोत्सव का भव्य आयोजन
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (24 जून 2025): दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सोमवार को गोवर्धन मठ, पुरी के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के 83वें प्राकट्य महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रोत्कर्ष दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पुरी से सांसद डॉ. संबित पात्रा सहित अनेक राजनीतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक जगत की हस्तियां उपस्थित रहीं।
संतों और अनुयायियों की भव्य उपस्थिति
हजारों की संख्या में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के अनुयायी, शिष्य एवं भक्त इस भव्य आयोजन का हिस्सा बने। आदित्य वाहिनी सहित अनेक हिन्दू संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही। इस दौरान प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर सहित कई संत शिरोमणि भी मंच पर उपस्थित रहे। साथ ही, शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के सान्निध्य में भी कार्यक्रम का आध्यात्मिक स्तर और ऊंचा हुआ।

सांसद संबित पात्रा का संबोधन: शंकराचार्य की तेजस्विता और वैश्विक महत्व पर प्रकाश
पुरी सांसद संबित पात्रा ने मंच से अपने विचार रखते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी की तेजस्विता, विद्वत्ता और वैश्विक स्वीकार्यता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि “जब नासा और इसरो जैसी संस्थाएं जटिल समस्याओं में उलझती हैं, तब वे शंकराचार्य जी की शरण में समाधान के लिए जाती हैं। वर्ल्ड बैंक जैसी आर्थिक संस्था भी मार्गदर्शन के लिए उनके पास आती है।” उन्होंने शंकराचार्य जी द्वारा रचित वैदिक गणित और सांख्यिकी पर आधारित दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का उल्लेख किया और जगन्नाथ जी की महिमा का स्मरण करते हुए कहा कि “शिव के अवतार स्वयं उड़ीसा के जगन्नाथ धाम में विराजमान हैं, यह उड़ीसा वासियों और भारत के लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है।”

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का संबोधन: दिल्ली में दिवाली जैसा उत्सव, हिन्दू राष्ट्र का संकल्प
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में शंकराचार्य के दिल्ली आगमन को “स्वयं प्रभु का दर्शन” बताया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे सबसे पहले भगवान जगन्नाथ के धाम जाने का सौभाग्य मिला। आज वही प्रभु स्वयं दिल्ली पधारकर हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, यह हम सबके लिए दिव्य सौभाग्य है।”

सीएम ने इस दिन को दिवाली जैसा उत्सव घोषित करते हुए कहा कि शंकराचार्य जी की उपस्थिति से संपूर्ण दिल्ली आलोकित हो उठी है। उन्होंने शंकराचार्य के आशीर्वाद को सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा का आधार बताया और कहा कि “आज सनातन धर्म एक बार फिर अपने चरमोत्कर्ष की ओर बढ़ रहा है।”

रेखा गुप्ता ने मंच से दिल्ली के लिए तीन प्रमुख संकल्पों की भी घोषणा की:
1. यमुना की सफाई
2. गौमाता का संरक्षण और गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध
3. दिल्ली को हिन्दू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर करना
उन्होंने कहा कि “हम दिल्ली को पुनः गौरवपूर्ण सांस्कृतिक राजधानी बनाएंगे और दिन-रात मेहनत करके इसे सनातन मूल्यों के अनुरूप विकसित करेंगे।”
उत्सव का सार: सनातन संस्कृति का जागरण
इस आयोजन ने न केवल आध्यात्मिक एकता का प्रदर्शन किया, बल्कि राजनीतिक और धार्मिक नेतृत्व के बीच एक गहन संवाद की भूमिका भी निभाई। कार्यक्रम में जहां सनातन धर्म के महत्व, वैज्ञानिकता और वैश्विक प्रभाव की चर्चा हुई, वहीं दिल्ली की भविष्य की दिशा को लेकर भी स्पष्ट संकेत दिए गए।

राष्ट्रोत्कर्ष दिवस न केवल शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के जीवन और योगदान का सम्मान था, बल्कि यह भारत में सनातन संस्कृति के नवजागरण का प्रतीक बन गया।।
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