नई दिल्ली (23 जून 2025): एक समय था जब सोना (Gold) केवल शादी-ब्याह (Marriage Functions) या पारिवारिक आयोजनों में पहना जाने वाला आभूषण समझा जाता था। परंतु समय के साथ निवेशकों (Investors) की सोच में बदलाव आया है। अब सोना को केवल एक परंपरा (Legacy) नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और स्थिर निवेश (Safe and Stable Investment) के रूप में देखा जा रहा है। खासकर जब वैश्विक आर्थिक (Global Economy) और भू-राजनीतिक स्थितियाँ (Geopolitical Situations) अस्थिर (Unstable) हों, तब सोना ‘सेफ हेवन’ के रूप में उभरकर सामने आता है। बीते एक वर्ष में सोना ने अन्य पारंपरिक निवेश विकल्पों को पीछे छोड़ते हुए बेहतरीन रिटर्न दिए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहां सेंसेक्स (Sensex) ने केवल 4.3% का रिटर्न (Return) दिया है, वहीं फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) ने 6.8% और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) ने 7.1% का रिटर्न दिया है। इसके विपरीत 24 कैरेट गोल्ड ने लगभग 31% का रिटर्न निवेशकों को दिया है। यही नहीं, गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds) ने 26% से लेकर 30% तक का रिटर्न दिया, जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB) में निवेश करने वालों को 34% तक का रिटर्न मिला है।
आखिर क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत?
सोना हमेशा से वैश्विक अस्थिरता के समय निवेशकों की पहली पसंद रहा है। वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कई संकट गहराए हुए हैं—अमेरिका में कर्ज का स्तर ऐतिहासिक ऊंचाई पर है, व्यापारिक टैरिफ युद्ध (Trade Tariff War) की आशंका बढ़ रही है, और कई जगहों पर युद्ध जैसे हालात बन रहे हैं। इन सभी परिस्थितियों में डॉलर (Dollar) की स्थिरता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, और सेंट्रल बैंक (Central Bank) अब डॉलर के बजाय सोने में निवेश को प्राथमिकता (Priority) दे रहे हैं।
भारत (India) ने भी 2024 में भारी मात्रा में सोना खरीदा है। चीन (China) लगातार गोल्ड रिज़र्व (Gold Reserve) बढ़ा रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Counselling) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 के दौरान सेंट्रल बैंकों की ओर से गोल्ड की खरीद में तेज़ी दर्ज की गई है। यह बताता है कि भविष्य की अनिश्चितताओं को देखते हुए सरकारें और संस्थान भी सोने को सुरक्षित विकल्प मान रही हैं।
पहले जहां लोग शादी या पारिवारिक कारणों से सोना खरीदते थे, अब सोने को एक सशक्त निवेश विकल्प माना जा रहा है। गोल्ड ETF और डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के रूप में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। जनवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार, केवल एक महीने में गोल्ड आधारित SIP में ₹3,751 करोड़ का निवेश हुआ है, जो एक रिकॉर्ड स्तर है।
गोल्ड एक बार फिर से निवेशकों के लिए भरोसे का प्रतीक बन चुका है। यह न केवल मुद्रास्फीति (Inflation) से बचाव करता है, बल्कि वैश्विक संकट (Global Crisis) की स्थिति में पूंजी की रक्षा का साधन भी बनता है। मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए, जहां हर ओर अस्थिरता और अनिश्चितता है, गोल्ड को “इमरजेंसी करेंसी” (Emergency Currency) कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। यदि आपने अब तक अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) में सोने को जगह नहीं दी है, तो यह समय हो सकता है कि आप अपनी निवेश रणनीति (Investment Strategy) पर दोबारा विचार करें।
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