नई दिल्ली (22 जून 2025): नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर अब यात्रियों को छोड़ने आने वाले परिजनों और सहयोगियों के लिए 8 मिनट तक पार्किंग फ्री रहेगी, लेकिन इसके बाद शुल्क देना अनिवार्य होगा। 25 जून से यह नई व्यवस्था स्टेशन के अजमेरी गेट साइड से शुरू की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि यह कदम स्टेशन परिसर में लगने वाले भीड़भाड़ और जाम को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। पहले यह प्रणाली कुछ समय के लिए लागू थी, लेकिन टेंडर की समाप्ति के बाद बंद कर दी गई थी। अब इसे दोबारा सख्ती से लागू किया जा रहा है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो सके।
समय के अनुसार तय किए गए हैं शुल्क
नई व्यवस्था के तहत अगर वाहन 8 मिनट से अधिक रुकता है तो 8 से 15 मिनट तक रुकने पर ₹50 और 15 से 30 मिनट तक रुकने पर ₹200 का शुल्क लगेगा। यदि वाहन 30 मिनट से अधिक रुकता है, तो उसे टो किया जाएगा और ₹500 का जुर्माना भी भरना पड़ेगा। यह व्यवस्था सभी निजी और कमर्शियल वाहनों पर समान रूप से लागू होगी। इस दौरान पार्किंग एरिया में सीसीटीवी कैमरे और ऑटोमेटेड एंट्री-एग्जिट सिस्टम के जरिए मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि समय की निगरानी में पारदर्शिता बनी रहे।
जाम से निजात दिलाने की कोशिश
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से स्टेशन पर अनावश्यक भीड़ को कम किया जा सकेगा और यात्री समय पर प्लेटफॉर्म तक पहुंच पाएंगे। नई प्रणाली ड्रॉप लेन में खड़े वाहनों की संख्या को नियंत्रित करेगी, जिससे वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जा सकेगी। यह व्यवस्था पहले से आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है और अब इसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी दोहराया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि इससे न सिर्फ ड्राइवरों को समय पर वाहन निकालने की आदत बनेगी, बल्कि स्टेशन का ट्रैफिक भी व्यवस्थित होगा।
यात्रियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया, बुजुर्गों और सामान वालों को चिंता
इस नई पहल को लेकर यात्रियों की राय बंटी हुई है। कुछ लोगों का मानना है कि 8 मिनट का समय पर्याप्त है, खासकर जब यात्री के पास हल्का सामान हो। लेकिन बुजुर्गों, बच्चों या भारी लगेज के साथ आने वाले यात्रियों के परिजनों को चिंता सता रही है कि तय समय सीमा में ड्रॉपिंग करना मुश्किल होगा। ऐसे में उन्हें अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है, जो कुछ लोगों पर आर्थिक बोझ डालेगा। वहीं, नियमों की सख्ती से कुछ लोग असुविधा और हड़बड़ी की आशंका भी जता रहे हैं।
ऑटो और कैब चालकों ने किया समर्थन
दूसरी ओर, ऑटो और टैक्सी चालकों ने इस फैसले को जाम से राहत की दिशा में सही कदम बताया है। उनका कहना है कि ड्रॉप लेन में बेवजह रुकने वाले वाहनों के कारण अक्सर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर यह व्यवस्था सही ढंग से लागू की गई और निगरानी पारदर्शी रही, तो यह उनके लिए भी लाभकारी होगी। सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त मार्शल और गार्ड की तैनाती की भी मांग की गई है। अब सबकी निगाहें 25 जून पर हैं, जब यह नई पार्किंग नीति अमल में लाई जाएगी और इसके वास्तविक असर का मूल्यांकन हो सकेगा।।
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