दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण की नई पहल: सड़कों पर लगेगा हाई-टेक मिस्ट सिस्टम

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (21 जून 2025): राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को काबू में करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) के नेतृत्व में एक नई तकनीकी पहल की शुरुआत हुई है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शुक्रवार को लोधी रोड पर ऑटोमैटिक मिस्ट स्प्रे सिस्टम का निरीक्षण किया, जहां 560 मीटर लंबे क्षेत्र में 15 पोल लगाए गए हैं। प्रत्येक पोल पर हाई-प्रेशर ब्रास और स्टेनलेस स्टील नोजल्स हैं, जो अल्ट्रा-फाइन मिस्ट स्प्रे करते हैं, जिससे धूल और कार्बन उत्सर्जन को दबाया जा सके। इस प्रणाली को अब राजधानी की 25 और प्रमुख सड़कों तक विस्तार देने की तैयारी है।

द्वारका से लेकर शांति पथ तक, हर कोने में फैलेगा धुंधरोधी कवच

दिल्ली सरकार की योजना के तहत अफ्रीका एवेन्यू, शांति पथ, तिलक मार्ग, जाकिर हुसैन मार्ग, भवन दास रोड, अशोक रोड, खान मार्केट और हनुमान मंदिर मार्ग जैसे अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में मिस्ट सिस्टम लगाए जा रहे हैं। प्रत्येक स्थान पर 30 पोल और हाई-प्रेशर मिस्टिंग यूनिट्स स्थापित किए जाएंगे। इन यूनिट्स को एक समर्पित पंप रूम, आरओ यूनिट और कंट्रोल पैनल से जोड़ा गया है। परियोजना की लागत प्रति लोकेशन लगभग 34 लाख रुपये आंकी गई है, जिसे सरकार “डेटा-ड्रिवन और टेक्नोलॉजी आधारित समाधान” के रूप में देख रही है।

होटल और मॉल्स पर भी सख्ती: अनिवार्य होगी रूफटॉप एंटी-स्मॉग गन

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ एक समग्र रणनीति बनाते हुए सभी 3000 वर्ग मीटर से बड़े कमर्शियल हाईराइज इमारतों जैसे होटल और मॉल्स में रूफटॉप एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले का उद्देश्य इन बड़ी इमारतों से निकलने वाले धूल और उत्सर्जन को नियंत्रित करना है। वहीं, निर्माण स्थलों (C&D साइट्स) पर निगरानी के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल टूल्स का उपयोग किया जाएगा, जिससे नियमों का उल्लंघन रोकना आसान हो सके।

हजारों मशीनें और जीपीएस से लैस होगी निगरानी प्रणाली

राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए बड़ी संख्या में मशीनरी को भी उतारा जा रहा है। सरकार ने 1,000 वाटर स्प्रिंकलर, 140 एंटी-स्मॉग गन, 200 मैकेनिकल रोड स्वीपर, 70 इलेक्ट्रिक लिटर पिकर और 38 वाटर टैंकर तैनात करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही इन सभी यंत्रों की कार्यप्रणाली पर नजर रखने के लिए जीपीएस, कैमरा सेंसर और सेंट्रल डैशबोर्ड जैसी हाई-टेक मॉनिटरिंग प्रणाली भी लागू की गई है, ताकि काम में कोई ढिलाई न हो।

दिल्ली बनेगा अन्य राज्यों के लिए बेंचमार्क मॉडल

मंत्री सिरसा ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार की ये तकनीकी पहल आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों के लिए बेंचमार्क मॉडल बनेगी। उन्होंने कहा कि “हम प्रदूषण से लड़ाई सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि स्थायी परिणाम के लिए लड़ रहे हैं।” सरकार की मंशा सिर्फ समस्याओं की पहचान तक सीमित नहीं, बल्कि उन पर समयबद्ध, तकनीकी और जनभागीदारी आधारित समाधान लागू करने की है। इस पहल से दिल्लीवासियों को साफ हवा की सौगात मिलने की उम्मीद है।


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