नई दिल्ली (21 जून 2025): राजधानी दिल्ली में मानसून की आहट सुनाई देने लगी है और मौसम विभाग (IMD) ने संकेत दिए हैं कि 22 से 25 जून के बीच कभी भी मानसून दिल्ली की सरजमीं पर दस्तक दे सकता है। इस बार मानसून अपनी सामान्य तिथि (26-27 जून) से चार-पांच दिन पहले पहुंचने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून ने एक छोटे ब्रेक के बाद फिर से रफ्तार पकड़ ली है और अब वह दिल्ली के दरवाजे पर दस्तक देने को तैयार है। लोगों को लंबे समय से झुलसा देने वाली गर्मी से अब राहत मिलने की उम्मीद है।
प्री-मॉनसून बारिश ने मौसम को किया खुशनुमा
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में बीते कुछ दिनों में हुई प्री-मॉनसून बारिश ने लोगों को गर्मी से काफी राहत पहुंचाई है। तापमान में गिरावट के साथ ही वातावरण में नमी बढ़ी है, जिससे मौसम सुहाना हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश मानसून के आगमन का स्पष्ट संकेत है और अगले कुछ दिनों में बारिश का दौर और तेज हो सकता है। बीते हफ्तों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था, लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं।
उत्तर-पश्चिम भारत में व्यापक बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 22 से 25 जून के बीच हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बड़े हिस्सों में व्यापक बारिश हो सकती है। इस वर्ष मानसून की प्रगति पहले के वर्षों की तुलना में अधिक तेज दिख रही है। 17 जून को दो कम दबाव वाली प्रणाली बनने के कारण मानसून ने फिर से तेजी पकड़ ली है, जिससे वह दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत की ओर तेज़ी से बढ़ा है।
लू और सूखे जैसी स्थिति से राहत की उम्मीद
जून की शुरुआत से बारिश की कमी के चलते दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप देखा गया। 8 और 9 जून को तापमान चरम पर पहुंच गया था, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। लेकिन अब मानसून के आगमन के साथ ही यह उम्मीद जताई जा रही है कि तापमान में बड़ी गिरावट आएगी और लू जैसी स्थितियों से निजात मिलेगी। किसानों और आम लोगों के लिए यह मानसून काफी राहत लेकर आ सकता है।
जलवायु विशेषज्ञों ने किया मौसम की जटिलता का जिक्र
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख का कुल वर्षा पर सीधा प्रभाव नहीं होता। केरल, मुंबई या दिल्ली में मानसून जल्दी या देर से पहुंचना जरूरी नहीं कि पूरे देश में उसी तरह का प्रभाव डाले। मानसून की गति पर वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारक प्रभाव डालते हैं, जिससे इसमें काफी बदलाव देखा जाता है। हालांकि, अभी तक जो रुझान दिख रहे हैं, वे सामान्य से बेहतर मानसून की ओर इशारा कर रहे हैं।
मानसून की राह में अब नहीं कोई रुकावट
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनी मजबूत मानसूनी धाराओं की वजह से दक्षिण-पश्चिम मानसून अब बाधाओं को पार करते हुए तेज़ी से दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। मई के अंत तक यह मुंबई और पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर चुका था, लेकिन 29 मई से 16 जून तक इसका विस्तार रुक गया था। अब 17 जून के बाद मानसून फिर सक्रिय हुआ है और 22 जून से पहले दिल्ली, हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों को भिगोने की पूरी संभावना है। राजधानी दिल्ली अब जल्द ही झमाझम बारिश के स्वागत को तैयार है।।
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