दिल्ली का सबसे महंगा Police Station होगा खाली! 15 दिन में छोड़नी होगी बिल्डिंग

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (18 जून 2025): दिल्ली के जैतपुर थाने को 15 दिनों के भीतर खाली करने का फरमान जारी किया गया है। यह थाना राजधानी का सबसे महंगा किराए पर चलने वाला थाना है, जिसका मासिक किराया करीब 7.56 लाख रुपये है। यह थाना एक कच्ची कॉलोनी में किराए की इमारत में संचालित हो रहा है, जहां पक्का निर्माण संभव नहीं है। अब एमसीडी (MCD) की तरफ से जारी नोटिस के चलते इस थाने को तत्काल प्रभाव से हटाने की स्थिति बन गई है। प्रशासन और पुलिस विभाग दोनों के सामने अब यह चुनौती है कि नए स्थान की व्यवस्था कैसे और कहां की जाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह कार्रवाई शिकायतों के आधार पर शुरू हुई है। एमसीडी को कथित तौर पर किसी नागरिक की तरफ से थाने और उसके आसपास के अवैध निर्माण को लेकर शिकायत मिली, जिसके बाद संबंधित सिविक एजेंसी ने 26 मई 2025 को नोटिस जारी किया। यह नोटिस 3 जून को जैतपुर थाने को सौंपा गया और उसी दिन इसे थाने की डायरी में भी दर्ज कर लिया गया। अब एमसीडी ने साफ कर दिया है कि यदि 15 दिनों के भीतर बिल्डिंग खाली नहीं की गई तो निर्माण पर कार्रवाई करते हुए उसे ध्वस्त या सील किया जाएगा।

जैतपुर थाना जिस इमारत में स्थित है, वह निजी स्वामित्व की संपत्ति है और इस पर दिल्ली पुलिस द्वारा किराया अदा किया जा रहा है। हालांकि, अब इस भवन के मालिक को भी एमसीडी की ओर से नोटिस जारी किया गया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि नियत समय सीमा में बिल्डिंग खाली न होने की स्थिति में पूरी जिम्मेदारी मालिक की होगी। यह कार्रवाई दिल्ली में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा मानी जा रही है, जिसके तहत अवैध निर्माणों को हटाने की कवायद तेज़ हुई है।

दिल्ली में फिलहाल एक दर्जन से अधिक पुलिस थाने किराए की इमारतों में संचालित हो रहे हैं। इन थानों में किराया अलग-अलग है, लेकिन जैतपुर थाना इस सूची में सबसे ऊपर है। अन्य किराए पर चलने वाले थानों में फतेहपुर बेरी (₹2.47 लाख), सोनिया विहार (₹2.38 लाख), निहाल विहार (₹2.69 लाख), तिगड़ी (₹2.50 लाख) और भलस्वा डेयरी (₹2.23 लाख) जैसे थानों के नाम भी शामिल हैं। यह सवाल अब तेज़ी से उठ रहा है कि आखिर दिल्ली पुलिस के पास अपनी स्थायी जमीन और भवनों की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं हो पा रही है।

इस मामले को लेकर फिलहाल पुलिस मुख्यालय (PHQ) और लैंड एंड बिल्डिंग विभाग के बीच मंथन जारी है। अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इतने कम समय में नए स्थान पर थाने को कैसे शिफ्ट किया जाए, वह भी तब जब इस थाना क्षेत्र में अपराध नियंत्रण और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जरूरत भी बनी हुई है। साथ ही, किराए की इमारतों पर दिल्ली पुलिस की निर्भरता पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।

इसी बीच एक अन्य मामला भी सामने आया है जहां एनएचएआई ने दिल्ली पुलिस से नारायणा मोड़ पर स्थित एक पुलिस चौकी को हटाने का अनुरोध किया है। एनएच-48 से नारायणा की ओर जाने वाले मार्ग को चौड़ा किया जाना है, लेकिन पुलिस चौकी और उसके बाहर जब्त की गई गाड़ियों के कारण यातायात बाधित हो रहा है। इस संदर्भ में एनएचएआई ने करीब 1300 वर्ग मीटर ज़मीन की मांग की है, जिसे लेकर पुलिस सैद्धांतिक रूप से सहमत हो चुकी है।

दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले और तेजी से बढ़ते शहर में पुलिस विभाग की मूलभूत ढांचे से जुड़ी इन समस्याओं ने चिंता बढ़ा दी है। किराए की इमारतों में थानों का संचालन, अतिक्रमण, अवैध निर्माण और यातायात बाधाओं के बीच पुलिस प्रशासन को नई रणनीति बनानी होगी ताकि कानून व्यवस्था प्रभावित न हो और भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।


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