GIMS ग्रेटर नोएडा बना गंभीर बीमारियों का सस्ता इलाज केंद्र: डायरेक्टर ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता
टेन न्यूज़ नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (16 जून 2025): स्वस्थ रहना हर व्यक्ति का सपना होता है, लेकिन आज के समय में इस सपने को साकार करने के लिए सिर्फ इच्छाशक्ति ही नहीं, बल्कि अच्छी और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं भी जरूरी हैं। जहां एक तरफ प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं तो मौजूद हैं, लेकिन उनके खर्चे आम आदमी की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (GIMS)एक ऐसा नाम बनकर उभरा है, जो कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाला इलाज प्रदान कर रहा है। टेन न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने GIMS में सस्ते दामों पर मिलने वाले आसाध्य बीमारियों के उपचार, दवाईयों एवं अपने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अस्पताल के डायरेक्टर ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता (Brigadier Dr. Rakesh Kumar Gupta) से खास बातचीत की।
आसाध्य बीमारियों का मुक्त इलाज: सरकार की बड़ी पहल
डायरेक्टर ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि GIMS अस्पताल में आसाध्य बीमारियों ब्रेन, हार्ट, लीवर और किडनी जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों का इलाज अब पूरी तरह मुफ्त किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजना के तहत इन बीमारियों की स्क्रीनिंग, परीक्षण, भर्ती और उपचार तक सभी सेवाएं नि:शुल्क दी जाती हैं। कोई भी मरीज जो इन रोगों से पीड़ित है, वह यहां दिखा सकता है। यदि मरीज भर्ती होता है तो उसे पूरी तरह फ्री इलाज की सुविधा दी जाती है। यह सरकार की बहुत ही प्रभावशाली और जन-कल्याणकारी पहल है।
ट्रॉमा से लेकर कार्डियक केयर तक सेवाओं का विस्तार लगातार जारी
ब्रिगेडियर गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में रोज़ दर्जनों ट्रॉमा केस जैसे सड़क दुर्घटना के मरीज पहुंचते हैं। यहां लीवर रोगियों के लिए डायलिसिस, हार्ट पेशेंट्स के लिए कार्डियक केयर यूनिट, और गंभीर केस के लिए ICU जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।“हमने हाल ही में कार्डियो केयर (Cardio Care) की शुरू की है। इसके अलावा हमने सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि हमें सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों (Super Specialist Doctors) की पोस्ट दी जाए, ताकि और भी बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें।
सस्ती दवाइयों की तीन स्तरीय व्यवस्था, नकली दवाओं से छुटकारा
ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि आजकल मार्केट में नकली और महंगी दवाइयों की भरमार है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिम्स ने मरीजों को तीन स्रोतों से प्रमाणिक, सस्ती और प्रभावी दवाइयां उपलब्ध कराने का सिस्टम बनाया है:
1. पहला अस्पताल फंड से डायरेक्ट खरीद
• GIMS डायरेक्ट दवा कंपनियों से RC (रेट कॉन्ट्रैक्ट) के तहत दवाएं खरीदता है।
• इन दवाओं पर प्रोसेसिंग फीस जोड़ने के बाद भी मरीजों को 40-60% तक सस्ती दवाएं मिल जाती हैं।
2. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र
• यहां जेनेरिक दवाएं 60-80% तक सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं।
• प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत इसे संचालित किया जा रहा है।
3. AMRIT फार्मेसी
• यह केंद्र सरकार की योजना है, जो उन दवाओं को भी उपलब्ध कराती है जो जन औषधि केंद्र में नहीं मिलतीं।
• इससे गंभीर रोगियों के लिए जीवनरक्षक दवाएं भी सस्ते दामों में उपलब्ध हैं।
इन तीनों केद्रों के माध्यम से हमारे यहां करीब 90% दवाइयां इसी मॉडल से उपलब्ध हैं, जिससे मरीजों को राहत मिलती है।
जनता का बढ़ाते भरोसा है का नया चेहरा है: GIMS सरकारी अस्पताल
जहां आम तौर पर सरकारी अस्पतालों को अव्यवस्था और लापरवाही से जोड़ा जाता है, वहीं GIMS ने अपनी सेवाओं, अनुशासन और पारदर्शिता के जरिए लोगों के भरोसे को दोबारा जीता है। ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में GIMS अस्पताल NCR क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।।
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