रूस-यूक्रेन युद्ध और ट्रंप- मस्क विवाद भारत की अर्थव्यवस्था को नहीं करेगा प्रभावित: चेतन मल्होत्रा, निदेशक, के. एस. सिक्योरिटीज
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (11 जून 2025): टेन न्यूज़ नेटवर्क द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम “गजानन माली शो” में चैनल के संस्थापक गजानन माली(Gajanan Mali) के साथ खास बातचीत में के.एस. सिक्योरिटीज (KS Securities) के निदेशक और बुलियन एंड कैपिटल मार्केट के विशेषज्ञ चेतन मल्होत्रा (Chetan Malhotra) ने रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक राजनीतिक समीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर कई अहम खुलासे किए। बातचीत के दौरान मल्होत्रा ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत वैश्विक अस्थिरता के बावजूद आर्थिक रूप से मजबूत बना हुआ है, लेकिन सेंसेक्स और बुलियन मार्केट पर इन तनावों का असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
चेतन मल्होत्रा ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते सोने और चांदी की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। उन्होंने अनुमान जताया कि 31 दिसंबर 2025 तक गोल्ड की कीमत 1,03,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है, जबकि चांदी की कीमत 10,15,442 रुपये प्रति किलोग्राम तक जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यह सीधी प्रतिक्रिया है वैश्विक अनिश्चितताओं और निवेशकों के सुरक्षित साधनों की ओर रुझान का।
ऊर्जा क्षेत्र( Energy Sector) को लेकर चेतन मल्होत्रा ने विशेष रूप से सकारात्मक रुख दिखाया। उन्होंने कहा कि दुनिया की हर बड़ी कंपनी को ऊर्जा, पानी और भूमि की आवश्यकता होती है और इसीलिए ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत भारतीय कंपनियों में निवेश और विकास की अपार संभावनाएं हैं। उनका मानना है कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में रोजगार, उत्पादन और शेयर वैल्यू तीनों में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच चल रही आर्थिक रस्साकशी पर मल्होत्रा ने कहा कि इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत अब सेमीकंडक्टर, एनर्जी और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत आज स्पेस टेक्नोलॉजी का हब बन चुका है और उत्तर भारत में भी कई कंपनियां सेमीकंडक्टर उत्पादन में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। आईफोन निर्माण को लेकर भी मल्होत्रा ने भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि टाटा टेलीकॉम के साथ iPhone निर्माण के लिए हुए समझौते के चलते अमेरिका के आंतरिक मतभेदों का असर भारत में निर्माण पर नहीं पड़ेगा। भारत अब केवल बाजार नहीं बल्कि ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बन चुका है, और इस तरह के समझौते देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाते हैं।
हालांकि मल्होत्रा ने चेतावनी दी कि रूस-यूक्रेन युद्ध और एलन मस्क-ट्रंप विवाद जैसे वैश्विक तनाव सेंसेक्स को 5 से 20 प्रतिशत तक प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ सेक्टर जिन्हें ऑर्डर पहले ही मिल चुके हैं और जिन्हें केवल डिलीवरी करनी है, वे इस प्रभाव से अछूते रह सकते हैं। वहीं, अगर दक्षिण चीन सागर में जापान और चीन के बीच कोई बड़ा तनाव उभरता है, तो यह भारतीय बाजारों पर बड़ा असर डाल सकता है।

निवेशकों के लिए चेतन मल्होत्रा ने दो कंपनियों टाटा और रिलायंस को ही सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों की बैलेंस शीट पारदर्शी और स्थिर है, जिससे निवेशकों को अपेक्षित रिटर्न की संभावना बनी रहती है। उन्होंने इन दोनों कंपनियों को भारत की आर्थिक रीढ़ की हड्डी बताया। अदानी समूह को लेकर चेतन मल्होत्रा ने तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, “मैं अदानी की किसी भी कंपनी को इन्वेस्टमेंट के लायक नहीं मानता। उनके वित्तीय दस्तावेजों में पारदर्शिता की कमी है और उनकी कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल हैं। अदानी समूह राजनीतिक रूप से स्पॉन्सर्ड प्रतीत होता है, जिससे उसमें निवेश को लेकर भरोसा नहीं किया जा सकता।” उन्होंने निवेशकों को साफ तौर पर ऐसे संस्थानों से बचने की सलाह दी जिनकी साख संदिग्ध हो।
चेतन मल्होत्रा की यह विश्लेषणात्मक बातचीत भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक तनावों के प्रभाव और सुरक्षित निवेश की दिशा को समझने में मदद करती है। उन्होंने भारत के तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्र में आ रहे उभार को भविष्य की आर्थिक शक्ति का संकेत बताया, जबकि पारदर्शिता और साख को निवेश की सबसे अहम कसौटी बताया।
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