Banke Bihari Temple Corridor क्यों है जरूरी?, श्रद्धालुओं की सुविधा और स्थानीय विकास

टेन न्यूज़ नेटवर्क

मथुरा (09 जून 2025): उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद मथुरा स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में श्रद्धालुओं की सुविधा और बेहतर व्यवस्थापन को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए मंदिर क्षेत्र में सुव्यवस्थित कॉरिडोर (Corridor) निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह निर्णय उन वर्षों पुरानी मांगों को साकार करता है, जिनमें श्रद्धालुओं ने मंदिर तक पहुँचने में आ रही असुविधा, अव्यवस्था और संकरी गलियों (Narrow Lanes) से निजात दिलाने की मांग की थी।

श्री बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple Vrindavan) वृंदावन का प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। किंतु मंदिर तक पहुंचने के लिए जो रास्ते हैं, वे अत्यधिक तंग, भीड़भरे और अव्यवस्थित हैं। कुंज गलियों (Kunj Galiyan) से होकर गुजरना ना केवल कठिन होता है, बल्कि आपातकालीन स्थिति में यह रास्ते दुर्घटना को न्योता देते हैं।

मंदिर क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। न तो पर्याप्त संख्या में शौचालय (Toilets) हैं, न पीने के लिए शुद्ध जल (Drinking Water), न आराम करने के स्थान (Resting Areas)। खासकर वृद्धजनों, महिलाओं और बच्चों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रशासनिक निगरानी और रिसीवर (Receiver) की अनुपस्थिति के कारण श्रद्धालुओं को अव्यवस्था और शोषण तक झेलना पड़ता है।

सरकार ने अब मंदिर के चारों ओर लगभग 5 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर एक सुव्यवस्थित कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया है। यह परियोजना मंदिर के धार्मिक स्वरूप (Religious Integrity), परंपराओं (Traditions) या सेवायतों (Sevayat Rights) में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। कॉरिडोर में प्रवेश, निकास, दर्शन, परिक्रमा और प्रतीक्षा की सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रूप में होंगी।

इस नए कॉरिडोर में शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय, लॉकर सुविधा (Locker Facility), चिकित्सा केंद्र (Medical Centre), कंट्रोल रूम (Control Room), आपातकालीन निकास (Emergency Exit) और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था (Security System) जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुगमता होगी, बल्कि वृंदावन के पर्यटन (Tourism) और स्थानीय व्यापार (Local Business) को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकेगा।

सरकार की नीति के अनुसार, मंदिर क्षेत्र में स्थित दुकानों को हटाया जरूर जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया पुनर्वास (Rehabilitation) नहीं बल्कि व्यवस्थापन (Resettlement) के तहत होगी। प्रभावित दुकानदारों को समुचित मुआवजा (Compensation), वैकल्पिक स्थान या आवासीय सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि किसी भी वर्ग के साथ अन्याय न हो। यह प्रक्रिया पूर्णतः संवाद और सहमति के आधार पर संचालित की जाएगी।

सरकार की इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों, स्थानीय सेवायतों, जनप्रतिनिधियों (Public Representatives) और व्यापारियों का समर्थन प्राप्त हो रहा है। गोस्वामी समाज (Goswami Samaj) ने भी स्पष्ट किया है कि वे कॉरिडोर के विरोध में नहीं हैं, बल्कि श्रद्धालुओं को सुविधाजनक दर्शन मिलें इसके पक्षधर हैं। उनकी मांग केवल यही है कि धार्मिक परंपराएं और सेवायत अधिकार यथावत बने रहें।

इस कॉरिडोर निर्माण से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार (Employment Opportunities) के नए द्वार खुलेंगे। पर्यटन, होटल, परिवहन, रिटेल और सेवा क्षेत्र को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, जिससे मथुरा-वृंदावन की अर्थव्यवस्था (Local Economy) को भी मजबूती मिलेगी।

कुल मिलाकर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर एक ऐसा समावेशी कदम है, जो श्रद्धालुओं की सुविधा, धार्मिक गरिमा, स्थानीय हित और पर्यटन विकास सभी को एक साथ साधने की दिशा में एक मिसाल बनेगा।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।