दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए GRAP-1 लागू, जानें क्या हैं पाबंदियां
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (08 जून 2025): दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। इसी को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 7 जून 2025 से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण लागू कर दिया है। इस दिन दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 209 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। मौसम विभाग और भारतीय उष्णदेशीय मौसम संस्थान ने आने वाले दिनों में भी वायु गुणवत्ता में सुधार की कम संभावना जताई है। ऐसी स्थिति में GRAP-1 को सक्रिय करना आवश्यक समझा गया है। यह योजना प्रदूषण की स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने के उद्देश्य से लागू की जाती है।
GRAP-1 के लागू होने का मतलब है कि अब निर्माण स्थलों पर सख्त नियमों का पालन जरूरी होगा। 500 वर्गमीटर से बड़े निर्माण स्थलों को बिना पंजीकरण और निगरानी के निर्माण कार्य की अनुमति नहीं होगी। धूल नियंत्रण के लिए नियमित पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, खुले में कचरा या जैविक अपशिष्ट जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा और इसका उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। ट्रैफिक जाम वाले क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाएगी और वाहनों की प्रदूषण जांच सख्ती से की जाएगी।
पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। होटल और रेस्टोरेंट्स में कोयले या लकड़ी से चलने वाले तंदूरों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। अब सिर्फ गैस या इलेक्ट्रिक उपकरणों से ही खाना बनाने की अनुमति होगी। साथ ही, सभी औद्योगिक इकाइयों और ईंट-भट्ठों को सिर्फ स्वीकृत ईंधनों का ही प्रयोग करना होगा। डंपिंग यार्ड और लैंडफिल साइट्स पर आगजनी की घटनाओं पर भी विशेष निगरानी रखी जाएगी।
आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील की गई है ताकि इस योजना को सफल बनाया जा सके। वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे इंजन की नियमित जांच कराएं, टायर में सही हवा रखें और ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन बंद करें। इसके अलावा, खुले में कचरा न फेंकें और न ही जलाएं। लोग प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की जानकारी 311, SAMEER या Green Delhi ऐप पर रिपोर्ट कर सकते हैं। हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता देने की अपील भी की गई है। जनभागीदारी के बिना वायु गुणवत्ता में सुधार संभव नहीं है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो GRAP के अन्य चरण भी लागू किए जाएंगे। सभी संबंधित एजेंसियों को समयसीमा और दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। विशेष रूप से धूल नियंत्रण उपायों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से बिगड़ रही है, ऐसे में यह निर्णय समय पर उठाया गया जरूरी कदम है। अब यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि प्रदूषण रोकने की इस मुहिम में पूरा सहयोग दें और स्वच्छ हवा के लिए प्रयास करें।
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