ओखला लैंडफिल साइट पर पर्यावरण की नई शुरुआत: LG बोले- ‘CM की तारीफ़ के लिए शब्द नहीं’
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (07 जून 2025): दिल्ली के ओखला लैंडफिल6 साइट पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मिलकर एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की। बायोमाइनिंग के बाद खाली हुई ज़मीन पर 8000 बांस के पौधे लगाए गए, जिससे प्रदूषण कम करने और हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है। इस मौके पर LG ने कहा कि मुख्यमंत्री की ऊर्जा और कार्यशैली देखकर उन्हें गहरा संतोष मिला है और उनके पास रेखा गुप्ता की तारीफ करने के लिए शब्द नहीं हैं। उन्होंने कहा, “जब तक मुख्यमंत्री में ऐसी ऊर्जा नहीं होती, तब तक किसी भी शहर का कायाकल्प संभव नहीं है।”
इस कार्यक्रम में मेयर राजा इकबाल, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और MCD के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। LG ने जानकारी दी कि दिल्ली में अब तक 1.78 लाख बांस के पौधे लगाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बांस का पौधा 30 प्रतिशत अधिक ऑक्सीजन देता है और उसे अधिक रखरखाव की ज़रूरत नहीं होती। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि ओखला की 62 एकड़ की कचरा साइट पर पहले 60 मीटर ऊंचा कूड़े का पहाड़ था, जो अब घटकर 40 मीटर रह गया है। पहले जहां 60 लाख मीट्रिक टन कचरा जमा था, वह अब 28 लाख मीट्रिक टन रह गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “अब दिल्ली बदल रही है, और वह भी सिर्फ 100 दिनों के भीतर।” उन्होंने जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब दिल्ली में काम करने वाली सरकार है, प्रचार करने वाली नहीं। उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि हर मंच पर जनता को काम के नतीजे दिखाई दें, न कि केवल वादे। बायोमाइनिंग के बाद खाली हुई जमीन पर वृक्षारोपण इस बदलाव का जीवंत उदाहरण है।
रेखा गुप्ता ने दिल्ली में कूड़े की गंभीर स्थिति पर भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि हर दिन 11,000 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है, जबकि उसकी प्रोसेसिंग क्षमता मात्र 7,000 टन है। बाकी 4,000 टन रोज़ाना जमा होता रहता है, जो भविष्य में एक नया लैंडफिल संकट खड़ा कर सकता है। इसे रोकने के लिए दिल्ली सरकार दो नए वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट बना रही है और पुराने प्लांटों की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है, जिससे कूड़ा प्रोसेसिंग क्षमता 15,000 टन प्रतिदिन तक पहुंचाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में 11 डेयरी कॉलोनियां हैं, जहां एक भी बायोगैस संयंत्र नहीं था। हजारों की संख्या में मवेशियों के गोबर को यमुना नदी में बहाया जा रहा था, जिससे जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा था। पहली बार सरकार ने इस पर्यावरणीय संकट को समझते हुए निर्णय लिया है कि सभी डेयरी कॉलोनियों में बायोगैस संयंत्र लगाए जाएंगे। इससे न केवल यमुना का प्रदूषण कम होगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा का भी उत्पादन किया जा सकेगा।
रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली तेजी से कूड़ा-मुक्त, हरित और टिकाऊ शहर बनने की ओर बढ़ रही है। ओखला जैसे कूड़े के पहाड़ को हरियाली में बदलने की इस प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया है कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो बदलाव मुमकिन है। उपराज्यपाल की टिप्पणी – “मेरे पास मुख्यमंत्री की तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं” – यह दर्शाती है कि रेखा गुप्ता की कार्यशैली को अब न केवल जनता, बल्कि सरकार के शीर्ष अधिकारियों से भी सराहना मिल रही है।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।