फीस नहीं, फिक्र है स्कूलों की! दिल्ली सरकार का ‘गुप्त बिल’ बना पेरेंट्स के गुस्से की वजह
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (05 जून, 2025): दिल्ली में निजी स्कूलों द्वारा लगातार बढ़ाई जा रही फीस और गतिविधियों के नाम पर लिए जा रहे अतिरिक्त पैसे अब पेरेंट्स के लिए असहनीय बोझ बनते जा रहे हैं। बीते तीन महीनों से माता-पिता लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी आवाज़ को सुना नहीं गया। इसी बीच भाजपा सरकार द्वारा अचानक एक गुप्त “फीस रेगुलेशन बिल” लाने की तैयारी ने इस विवाद को और भी गरमा दिया है।
बताया जा रहा है कि यह बिल न तो सार्वजनिक किया गया है और न ही इसकी कोई जानकारी पेरेंट्स, वकीलों या शिक्षा विशेषज्ञों को दी गई है। आरोप है कि सरकार इस बिल को विधानसभा में पेश करने के बजाय ऑर्डिनेंस के ज़रिए लाने की योजना बना रही है, जिससे पेरेंट्स का गुस्सा और बढ़ गया है।
आम आदमी पार्टी की नेता और प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, “यह पहली बार हो रहा है जब बिना किसी फीडबैक और सार्वजनिक चर्चा के ऐसा संवेदनशील बिल लाया जा रहा है। अगर यह बिल वाकई पेरेंट्स के हित में है, तो इसे छुपाया क्यों जा रहा है?” उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार स्कूलों पर लगाम लगाने के बजाय, उन्हें बचाने का प्रयास क्यों कर रही है?
बीते दिन उन्होंने विरोध कर रहे अभिभावकों से मुलाकात की और बताया कि सभी पेरेंट्स ने साफ कहा है हमें चोर दरवाजे से लाया गया ऑर्डिनेंस नहीं चाहिए। हमें पारदर्शी, चर्चा और सुझावों पर आधारित कानून चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा सरकार से मांग की है कि इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए, बिल को सेलेक्ट कमिटी में भेजा जाए, और उसमें पेरेंट्स, वकीलों व विशेषज्ञों की राय को शामिल किया जाए।
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