दिल्ली में वायु प्रदूषण से बचाव को लेकर लागू होगा “एयर पॉल्यूशन मिटिगेशन प्लान”
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (03 जून 2025): दिल्ली सरकार ने इस बार सर्दियों में ऑड-ईवन योजना लागू न करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रेस वार्ता में इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा लागू की गई ऑड-ईवन स्कीम से दिल्ली के वायु प्रदूषण पर कोई असर नहीं पड़ा, बल्कि इससे आम जनता को अधिक परेशानी उठानी पड़ी। उन्होंने बताया कि अब सरकार इसके स्थान पर एक समग्र “एयर पॉल्यूशन मिटिगेशन प्लान” लागू कर रही है, जो वैज्ञानिक तकनीकों और नवाचारों पर आधारित होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि “क्लीन दिल्ली, ग्रीन दिल्ली और हेल्दी दिल्ली” के लक्ष्य को लेकर यह प्लान शुरू किया गया है। इस योजना के तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए तकनीकी उपाय जैसे आर्टिफिशियल रेन और क्लाउड सीडिंग को अपनाया जाएगा, जिसमें आईआईटी कानपुर सहयोगी संस्था होगी। धूल नियंत्रण के लिए 1000 वॉटर स्प्रिंकलर, 140 एंटी-स्मॉग गन, 70 रोड स्वीपिंग मशीनें, 70 इलेक्ट्रिक लिटर पिकर और 30 वॉटर टैंकर स्वैपिंग मशीनें सालभर कार्यरत रहेंगी।
सरकार ने हॉटस्पॉट इलाकों की निगरानी बढ़ाने और निर्माण स्थलों पर नियंत्रण को लेकर भी बड़े कदम उठाए हैं। 3000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र वाली व्यावसायिक इमारतों में एयर स्प्रिंकलर अनिवार्य होंगे। निर्माण एवं ध्वस्तीकरण मलबे के निस्तारण पर भी सख्ती बढ़ेगी। यदि कोई उल्लंघन हुआ तो डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली में एंट्री करने वाले वाहनों की जांच के लिए एएनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे और 1 नवंबर 2025 से केवल बीएस-6 कमर्शियल वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे।
दिल्ली सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए भी ठोस कदम उठा रही है। 2300 ई-ऑटो मेट्रो स्टेशनों पर लगाए जाएंगे, जबकि 5 जून से 200 नई इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतरेंगी। वर्ष के अंत तक 2080 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का लक्ष्य है और 2027 तक इनकी संख्या 10,000 करने की योजना है। इसके साथ ही, 18,000 चार्जिंग स्टेशन निजी और अर्ध-निजी क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे और पीयूसी केंद्रों का अर्धवार्षिक ऑडिट भी सुनिश्चित किया जाएगा।
शहर में यातायात नियंत्रण और वायु गुणवत्ता सुधार के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। स्मार्ट इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम के जरिए ट्रैफिक जाम को कम किया जाएगा। वहीं, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को सशक्त बनाते हुए कूड़े के पहाड़ों को कम करने की दिशा में तेजी लाई गई है। वर्तमान में कार्यरत चार वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट में दो नए प्लांट जोड़े जा रहे हैं और दो की क्षमता बढ़ाई जा रही है ताकि कचरा प्रसंस्करण की गति को और बढ़ाया जा सके।
दिल्ली में नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष योजनाएं लाई जा रही हैं। सभी आरडब्ल्यूए गार्ड्स को इलेक्ट्रिक हीटर दिए जाएंगे, जबकि वेस्ट सेग्रिगेशन को नगर निगम के माध्यम से सख्ती से लागू किया जाएगा। छह नए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे और 5 जून से “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की शुरुआत होगी, जिसके तहत 70 लाख पेड़ लगाए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि यह योजना न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से अहम है, बल्कि दिल्ली के नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी निर्णायक साबित होगी।
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