ग्रेनो वेस्ट की सोसाइटियों की दुर्दशा पर नेफोमा ने उठाई आवाज, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी से की मुलाकात
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (03 जून 2025): ग्रेटर नोएडा वेस्ट की प्रमुख सोसाइटियों रेडिकॉन वेदांतम (सेक्टर 16C) और एम्स ग्रीन एवेन्यू (सेक्टर 4) की बदहाली और फ्लैट बायर्स की ज्वलंत समस्याओं को लेकर नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान के नेतृत्व में आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्या श्रीवास्तव से विशेष बैठक की गई। इस दौरान नेफोमा प्रतिनिधिमंडल ने दोनों सोसाइटियों में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर गंभीर चिंता जताई और लिखित ज्ञापन सौंपते हुए बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने आरोप लगाया कि दोनों सोसाइटियों के निवासी गंदगी, अधूरी मूलभूत सुविधाओं और मालिकाना हक के अभाव में जीने को मजबूर हैं। बेसमेंट में वर्षों से पानी भरा हुआ है, जिससे बिल्डिंग की संरचना को खतरा पैदा हो गया है। सबसे गंभीर मामला यह है कि आज तक इन सोसाइटियों को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) और कंप्लीशन सर्टिफिकेट (CC) नहीं मिला है, इसके बावजूद बिल्डरों ने फ्लैट्स का कब्जा दे दिया है। नतीजतन, निवासी एक अनिश्चित और गैर-कानूनी स्थिति में जीवन जी रहे हैं।
नॉन-ओसी टावरों में बिना वैध मीटर के बिजली आपूर्ति की जा रही है और बिल्डर तय दरों पर शुल्क वसूल रहे हैं। जनरेटर बैकअप सिस्टम भी असक्षम है, जिससे बिजली कटौती के दौरान घंटों तक अंधेरे में रहना पड़ता है। लिफ्ट की हालत बदतर है, कई बार लिफ्ट फिसलने की घटनाएं हुई हैं, जिससे निवासियों की जान जोखिम में है।
निचले बेसमेंट की स्थिति बेहद दयनीय है, जो पार्किंग के लिए निर्धारित था, लेकिन अब वह सीवेज और गंदे पानी का डंपिंग ग्राउंड बन गया है। खंभों के चारों ओर पानी जमा है, जिससे स्ट्रक्चरल डैमेज की आशंका बनी हुई है। परिसर में आवारा कुत्ते खुलेआम घूमते हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों को खतरा है क्योंकि सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
बिल्डर-बायर्स एग्रीमेंट अभी भी अधूरा है, पार्किंग का आवंटन नहीं किया गया है और क्लब हाउस व स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं अब तक शुरू नहीं हुई हैं। सीवेज ट्रीटमेंट और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी पर्यावरणीय सुविधाएं भी गायब हैं, वहीं जल आपूर्ति व्यवस्था में लीकेज और खराब पंप व पाइप की समस्या से निवासी त्रस्त हैं।
अन्नू खान ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से बिल्डर फ्लैट खरीदारों को धोखा दे रहे हैं, रजिस्ट्री नहीं करवा रहे, अथॉरिटी की देनदारी नहीं चुका रहे और बिना ट्रांसफर के फ्लैट्स बेचकर करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद बिल्डर गैर-जिम्मेदार रवैया अपना रहे हैं। उन्होंने बिल्डरों पर आरोप लगाया कि ये लोग खुद को बचाने के लिए अपने चपरासी और क्लर्क को डायरेक्टर बना देते हैं, जबकि जमीन तो इन्हीं के नाम लीज पर है।
ओएसडी सौम्या श्रीवास्तव ने सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और उचित समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही बिल्डर और फ्लैट खरीदारों की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी और बिल्डिंग की कंस्ट्रक्शन क्वालिटी की भी जांच कराई जाएगी। बैठक में बिल्डर की ओर से मैनेजर स्नेह लता उपस्थित रहीं।
इस मौके पर नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान के साथ उमेश सिंह, अनूप कुमार, पंकज पैसल, अचिंत कुमार, ए.डी. शंकर, अखिलेश सिंह, नरेंद्र रावत, शीतल कुमार मौर्य, नागेश गोला सहित कई फ्लैट निवासी मौजूद रहे। सभी ने प्राधिकरण से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा, नेफोमा अपना आंदोलन जारी रखेगा।
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