दिल्ली में हर जिले में बनेगा मिनी सचिवालय, सरकारी काम होंगे आसान
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (26 मई 2025): दिल्ली वासियों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें सरकारी कामों के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। दिल्ली सरकार राजधानी के सभी 11 जिलों में मिनी सचिवालय स्थापित करने की योजना बना रही है। इन मिनी सचिवालयों में डीएम कार्यालय के साथ एमसीडी, डीजेबी, समाज कल्याण और राजस्व विभाग जैसे प्रमुख जनसेवा विभाग एक ही छत के नीचे मौजूद होंगे। इसका मकसद जनता को एकीकृत सेवा प्रदान करना और प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाना है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना को प्राथमिकता में रखा है और अधिकारियों को उपयुक्त स्थानों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। द्वारका में प्रस्तावित लघु सचिवालय के लिए स्थल की पहचान पहले ही कर ली गई है। यह दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में बनाया जाएगा, जो दिल्ली का सबसे बड़ा जिला है और 420 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां 77 गांव शामिल हैं, जिनमें से कई दिल्ली-हरियाणा सीमा से सटे हैं। वर्तमान में दिल्ली के सरकारी विभाग अलग-अलग इलाकों में फैले हुए हैं, जिससे लोगों को सेवाओं के लिए कई स्थानों पर जाना पड़ता है। नागरिकों को अक्सर यह भी समझ नहीं आता कि उनकी शिकायत किस विभाग के अधीन आती है। उदाहरण के लिए, अवरुद्ध नाली की शिकायत एमसीडी में दर्ज कराने पर पता चलता है कि वह डीजेबी के अधीन है, और फिर व्यक्ति को अलग कार्यालय में जाना पड़ता है। यह प्रणाली आम लोगों के लिए बेहद जटिल और समय लेने वाली है।
नई योजना के तहत सभी प्रमुख प्रशासनिक कार्यालयों को एकीकृत कर एक ही परिसर में लाने की तैयारी है। इससे न केवल नागरिकों को सुविधा होगी, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इससे निचले स्तर पर जवाबदेही बढ़ेगी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही, डिजिटल और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से नागरिकों की शिकायतों का तेजी से निपटारा किया जा सकेगा।दिल्ली सरकार का यह कदम ‘न्यायिक व प्रशासनिक विकेंद्रीकरण’ की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है। इन मिनी सचिवालयों से न केवल कामकाज सरल होगा बल्कि सरकार और जनता के बीच की दूरी भी कम होगी। आइटीओ, सिविल लाइंस, कश्मीरी गेट जैसे प्रमुख केंद्रों पर मौजूद विभागों को भी अब ज्यादा स्थानीय और सुलभ बनाया जाएगा। यह पहल दिल्ली में ‘नागरिक-केन्द्रित शासन’ की एक नई शुरुआत मानी जा रही है।
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