नई दिल्ली (26 मई 2025): दिल्ली के शाहदरा जिले के मानसरोवर पार्क स्थित रामनगर इलाके में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में दो युवकों की जान चली गई। एक अवैध ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन और गोदाम में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। यह चार्जिंग स्टेशन गन्ने के जूस बेचने वाले ई-रिक्शा वालों का था, जहां बैटरियों को रात में चार्ज किया जाता था। हादसे के वक्त गोदाम में 12 लोग सो रहे थे, जिनमें से 6 लोग समय रहते बाहर निकल आए। चार लोग बुरी तरह झुलस गए और दो की मौके पर ही मौत हो गई। दमकल की पांच गाड़ियां आग बुझाने में दो घंटे तक जुटी रहीं।
दमकल अधिकारी फिरोज के अनुसार, यह चार्जिंग स्टेशन टिन की शेड में बना हुआ था और पूरी तरह अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। आग लगते ही कई बैटरियों में जोरदार धमाके हुए जिससे आग तेजी से फैल गई। चश्मदीदों ने बताया कि आग लगने के दौरान अंदर चीख-पुकार मच गई थी। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। राहत कार्यों के दौरान दो झुलसे हुए शव बरामद किए गए। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
डीसीपी प्रशांत गौतम ने जानकारी दी कि मृतकों की पहचान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ निवासी बृजेश (19) और मनीराम (18) के रूप में हुई है। घायलों में टीकमगढ़, रायबरेली और महाराजगंज के युवक शामिल हैं, जो जूस बेचने के लिए दिल्ली आए थे। ये सभी कर्मचारी रात में ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन में ही सोते थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जगह में सुरक्षा के कोई मानक नहीं थे और वायरिंग बेहद खराब हालत में थी। दमकल विभाग ने यह भी बताया कि स्थल पर अग्निशमन यंत्र तक मौजूद नहीं थे।
पुलिस ने चार्जिंग स्टेशन को अवैध रूप से किराये पर चलाने वाले विनोद राठौर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने राम मंदिर के पास तीन सौ गज जमीन किराये पर ली थी जहां ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन और जूस का गोदाम बनाया गया था। विनोद कई ई-रिक्शा खुद चलवाता था और काम करने वाले युवकों को वहीं ठहराता था। पुलिस के मुताबिक यह स्थान न तो रजिस्टर था और न ही वहां आग से बचाव के उपाय थे। अब विनोद पर गैर इरादतन हत्या समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
यह हादसा दिल्ली में अवैध चार्जिंग स्टेशनों पर बड़ी लापरवाही और सिस्टम की कमजोर निगरानी को उजागर करता है। आए दिन बैटरी फटने और आग लगने की खबरें सामने आ रही हैं, लेकिन फिर भी कई स्थानों पर ये स्टेशन बिना किसी अनुमति के संचालित हो रहे हैं। यह घटना न सिर्फ प्रशासन को चेतावनी देती है, बल्कि चार्जिंग से जुड़े सुरक्षा मानकों की तत्काल समीक्षा की मांग करती है। दिल्ली सरकार और नगर निगम को चाहिए कि सभी चार्जिंग स्टेशनों का निरीक्षण कर अवैध रूप से चल रहे केंद्रों पर तुरंत कार्रवाई करें ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
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