दिल्ली में फर्जी सरकारी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़, बेरोजगारों से ठगी करने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (19 मई 2025): दिल्ली पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए सैकड़ों बेरोजगार युवाओं से सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस रैकेट का मास्टरमाइंड राशिद चौधरी बताया जा रहा है, जिसे लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया। आरोपी खुद को ‘नेशनल रूरल डेवलपमेंट एंड रिक्रिएशन मिशन (NRDRM)’ का अधिकारी बताकर ग्रामीण विकास मंत्रालय के नाम पर झूठे विज्ञापन जारी करता था। पुलिस ने इस रैकेट से जुड़े एक अन्य आरोपी इकबाल हुसैन को भी गिरफ्तार किया है। यह रैकेट काफी समय से सोशल मीडिया और अखबारों में झूठे विज्ञापन देकर बेरोजगारों को निशाना बना रहा था।

डीसीपी देवेश कुमार महला के अनुसार, 22 मार्च 2025 को ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शिकायत दर्ज कराई थी कि NRDRM नाम की दो वेबसाइट्स – www.nrdrm.com और www.nrdrmvacany.com पर फर्जी नौकरी के विज्ञापन चल रहे हैं। इन साइट्स पर केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की तस्वीरें लगाकर इन्हें अधिकृत वेबसाइट जैसा दिखाया गया था। आवेदन के नाम पर उम्मीदवारों से 299 से 399 रुपये की फीस ली जाती थी। शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम यूनिट ने तुरंत FIR दर्ज की और जांच शुरू की।

जांच में सामने आया कि इन वेबसाइट्स पर एक QR कोड दिया गया था, जिसके ज़रिए लोग पैसे जमा करते थे। ये राशि पहले असम के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते में जाती और फिर कई खातों में ट्रांसफर होकर ATM से निकाली जाती थी। दिल्ली पुलिस ने सैकड़ों ATM की CCTV फुटेज खंगाली और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपियों की लोकेशन ट्रेस की। 18 मई 2025 को शकरपुर इलाके में छापा मारकर पुलिस ने इकबाल हुसैन को पकड़ा, जिसने पूछताछ में मास्टरमाइंड राशिद चौधरी का नाम उजागर किया।

इकबाल ने बताया कि वह ATM से निकाले गए पैसे राशिद को देता था, जो पूरे गिरोह को चलाता था। इसके बाद पुलिस ने लक्ष्मी नगर में दूसरा छापा मारकर राशिद को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में राशिद ने कबूला कि वह पहले भी साइबर अपराधों में शामिल रहा है और इस रैकेट के लिए उसने वेब डेवलपर्स, विज्ञापन मैनेजर्स, बैंक खाते व सिम कार्ड मुहैया कराने वालों की एक टीम बना रखी थी। वे लोग सरकारी पोर्टल्स जैसी दिखने वाली वेबसाइट्स तैयार करते और अखबारों व सोशल मीडिया पर भर्ती के झूठे विज्ञापन डालते थे।

पुलिस ने छापे के दौरान 11 मोबाइल फोन, 15 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, 21 चेकबुक, 5 वाई-फाई डोंगल, 1 POS मशीन, 4 फर्जी स्टांप और 6 अन्य फर्जी वेबसाइट्स जब्त की हैं। ये सामग्री अब इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) को भेजी जा रही है, ताकि इन्हें देशभर के अन्य ठगी मामलों से जोड़ा जा सके। दिल्ली पुलिस अब रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और बाकी फर्जी साइट्स की भी जांच की जा रही है। यह कार्रवाई न केवल एक ठगी गिरोह पर लगाम है, बल्कि साइबर अपराधियों के खिलाफ सतर्कता की मिसाल भी है।


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