दिल्ली में कोचिंग सेंटर और होटल में लगी आग, दमकल की सतर्कता से टली बड़ी दुर्घटना, जांच जारी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (18 मई 2025): रविवार को दिल्ली में एक के बाद एक दो स्थानों पर आग लगने की घटनाएं सामने आईं, जिसने राजधानी में अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया। पहली घटना मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में हुई, जबकि दूसरी घटना पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित एक होटल में सामने आई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इन दोनों मामलों में कोई हताहत नहीं हुआ। फायर ब्रिगेड की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इन हादसों को विकराल रूप लेने से रोक दिया। बावजूद इसके, इन घटनाओं ने राजधानी की अग्नि सुरक्षा तैयारियों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

मध्य दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक कोचिंग सेंटर की ऊपरी मंजिलों से धुआं उठता दिखाई दिया। यह घटना सुबह लगभग 11:08 बजे हुई जब बड़ा बाजार रोड पर स्थित एक बहुमंजिला कोचिंग संस्थान की चौथी और पांचवीं मंजिल आग की चपेट में आ गईं। सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने मौके पर आठ गाड़ियां भेजीं और दोपहर 12:20 बजे तक आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। हालांकि, विस्तृत जांच अभी जारी है। इस हादसे में गनीमत यह रही कि कोचिंग सेंटर में मौजूद सभी छात्रों और स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

वहीं दूसरी घटना दोपहर करीब 1:15 बजे पश्चिम दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में घटित हुई। पूर्वी पश्चिम विहार मेट्रो स्टेशन के पास स्थित एक होटल की तीसरी मंजिल पर आग लग गई। आग होटल के एक कमरे और हॉल तक फैल चुकी थी, जिससे आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया। दमकल विभाग ने यहां भी तुरंत प्रतिक्रिया दी और पांच दमकल गाड़ियां मौके पर रवाना की गईं। लगभग 1:50 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। होटल में बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और तीन ऊपरी मंजिलें थीं, लेकिन समय रहते सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस घटना में भी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, और आग के कारणों की जांच की जा रही है।

इन दोनों घटनाओं में सबसे सकारात्मक पक्ष यह रहा कि किसी की जान नहीं गई। लेकिन इससे यह भी स्पष्ट होता है कि दिल्ली की कई इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपाय या तो पर्याप्त नहीं हैं या उन्हें लेकर लापरवाही बरती जा रही है। खासकर कोचिंग सेंटरों और होटलों जैसे स्थानों पर, जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं, वहां सुरक्षा व्यवस्था की कठोर निगरानी और समय-समय पर जांच जरूरी है। फायर डिपार्टमेंट की त्वरित कार्रवाई ने जहां एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया, वहीं इन हादसों ने सिस्टम की कई खामियों की ओर इशारा किया है।

फिलहाल दोनों मामलों में विस्तृत जांच चल रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या ये हादसे सिर्फ तकनीकी कारणों से हुए या लापरवाही ने भी इनमें भूमिका निभाई। दिल्लीवासियों की नजर अब इस बात पर है कि प्रशासन ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है। अग्नि सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन और इमारतों का समय-समय पर निरीक्षण अब जरूरी हो गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।


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