AAP के 15 पार्षदों के इस्तीफे पर सियासी भूचाल, सौरभ भारद्वाज ने कहा “जो भी पार्टी छोड़ता है, उसे BJP एक लाइन देती है”

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (18 मई 2025): दिल्ली की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब आम आदमी पार्टी (AAP) के 15 नगर पार्षदों ने सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा देकर नई राजनीतिक पार्टी “इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी” के गठन की घोषणा कर दी। इस घटनाक्रम के बाद AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीधा निशाना साधा और इसे ‘ऑपरेशन लोटस’ का हिस्सा बताया। भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी सीधे तौर पर किसी को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करती, बल्कि एक रणनीति के तहत पहले उन्हें इधर-उधर भेजती है ताकि जनता की नजरों में यह एक स्वत:स्फूर्त राजनीतिक निर्णय लगे।

सौरभ भारद्वाज ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “जो भी पार्टी छोड़कर जाता है, बीजेपी उसे एक लाइन देती है और फिर वो नेता वही लाइन दोहराता है। कोई यह नहीं कहता कि पार्टी में सब ठीक था लेकिन मैं गलत था। हर कोई यही कहता है कि पार्टी खराब थी और मैं अच्छा हूं।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित प्रयास होता है जिससे जनता के सामने एक झूठी तस्वीर पेश की जाती है। भारद्वाज का कहना था कि बीजेपी की यह रणनीति उसे ‘ऑपरेशन लोटस’ के आरोपों से बचाने की कोशिश मात्र है।

पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद का उदाहरण देते हुए भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने भी AAP छोड़ने के बाद तुरंत बीजेपी जॉइन नहीं की थी। पहले वो कुछ समय अकेले रहे, फिर बहुजन समाज पार्टी (BSP) का सहारा लिया और अंत में बीजेपी में शामिल हो गए। यह प्रक्रिया, भारद्वाज के अनुसार, बीजेपी की छवि को ‘साफ-सुथरा’ बनाए रखने की चाल है, जबकि पीछे की सच्चाई कुछ और ही होती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी दरअसल दिखाना चाहती है कि लोग खुद अपनी मर्जी से पार्टी छोड़ रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि यह सब एक संगठित योजना का हिस्सा है।

सौरभ भारद्वाज के इन बयानों ने राजधानी दिल्ली की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ बीजेपी इन आरोपों को खारिज कर सकती है, वहीं दूसरी तरफ AAP इसे अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के मनोबल को संभालने के तौर पर भी पेश कर रही है। इधर 15 पार्षदों द्वारा बनाए गए नए राजनीतिक मंच ‘इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी’ का नेतृत्व पूर्व AAP नेता मुकेश गोयल करेंगे, जिन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य दिल्ली की जनता के लिए एक नया और सकारात्मक विकल्प देना है।

इस घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति और अधिक गर्माएगी। इस्तीफों की श्रृंखला, नई पार्टी का गठन और BJP पर लगते आरोप इस बात के संकेत हैं कि चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव संभव है। सौरभ भारद्वाज का बयान न केवल बीजेपी की रणनीति पर सवाल उठाता है बल्कि AAP के भीतर मची हलचल की गंभीरता को भी उजागर करता है।


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