जामा मस्जिद के शाही इमाम से मिले BJP सांसद मनोज तिवारी, पेश किया सौहार्द की मिसाल

नई दिल्ली (17 मई 2025):
दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना शाबान बुखारी और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की मुलाकात इन दिनों सुर्खियों में है। इस मुलाकात का एक वीडियो मौलाना शाबान बुखारी ने इंस्टाग्राम पर साझा किया है, जिसमें दोनों नेता बेहद गर्मजोशी के साथ मिलते दिख रहे हैं। वीडियो में मनोज तिवारी हंसते हुए कहते हैं, “हम बहुत अच्छे हैं… इधर फोटो लो,” और फिर शाबान बुखारी से पूछते हैं, “और सब ठीक है?” मुलाकात का यह क्षण सौहार्द और सौम्यता से भरा हुआ था। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।

मौलाना शाबान बुखारी ने साझा किया वीडियो, लिखा- “Always a pleasure”

वीडियो शेयर करते हुए मौलाना शाबान बुखारी ने लिखा, “Always a pleasure to catch up with Manoj Tiwari” यानी मनोज तिवारी से मिलना हमेशा सुखद होता है। उनके इस पोस्ट पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, जहां कुछ लोग इसे एक सकारात्मक संवाद मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे सियासी समीकरण से जोड़कर देख रहे हैं। बता दें कि शाबान बुखारी सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय हैं और उनके इंस्टाग्राम पर करीब 1.5 लाख फॉलोअर्स हैं। वे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अक्सर अपनी राय खुलकर रखते हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भी सामने आया था समर्थन
हाल ही में मौलाना शाबान बुखारी और उनके बेटे सैयद अरीब बुखारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन किया था। अरीब बुखारी ने एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘अंकल मोदी’ कहकर धन्यवाद दिया था और उनके साथ तस्वीर खिंचवाने की इच्छा जताई थी। उस वीडियो को भी काफी सराहना मिली थी और यह तेजी से वायरल हुआ था। अरीब ने यह भी बताया कि वह पहलगाम आतंकी हमले के बाद से बेहद परेशान थे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्हें एक तरह की राहत महसूस हुई।

मनोज तिवारी की मुलाकात ने दिया संवाद का संदेश

भाजपा सांसद मनोज तिवारी और मौलाना शाबान बुखारी की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब देश में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और आतंकवाद के मुद्दे को लेकर व्यापक बहस चल रही है। इन दोनों प्रमुख हस्तियों के बीच आत्मीयता के साथ हुआ संवाद इस बात की मिसाल है कि मतभेदों के बीच भी संवाद और मेलजोल की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को मुस्लिम समुदाय के साथ भाजपा के संभावित समीकरणों की दृष्टि से भी देखा जा रहा है।

शाही इमाम की भूमिका में सक्रिय हैं शाबान बुखारी

शाबान बुखारी 25 फरवरी 2024 को जामा मस्जिद के शाही इमाम बनाए गए थे। वे अपने पिता सैयद अहमद बुखारी की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन एक आधुनिक दृष्टिकोण के साथ। शाबान बुखारी सोशल मीडिया और युवाओं के बीच संवाद के जरिये मुस्लिम समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा दे रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर उनका समर्थन और मनोज तिवारी से उनकी मुलाकात से यह संकेत मिलता है कि वे परंपरा और बदलाव दोनों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।

मुलाकात ने बढ़ाया विश्वास और सौहार्द

इस मुलाकात से जो तस्वीर सामने आई है, वह राजनीतिक सौहार्द, धार्मिक सहिष्णुता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक मानी जा रही है। शाबान बुखारी और मनोज तिवारी दोनों ही दिल्ली की विविधता और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। ऐसे समय में जब देश आतंकवाद और कट्टरपंथ जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है, इन दोनों नेताओं की मुलाकात से समाज में विश्वास, संवाद और मेल-मिलाप का संदेश गया है। सोशल मीडिया पर इस पहल को सराहते हुए लोग इसे ‘नई सोच की शुरुआत’ बता रहे हैं।


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