“ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश दौरे पर जाएगा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली (17 मई 2025):
भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना पक्ष मजबूती से रखने की तैयारी कर ली है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी है कि जल्द ही एक सात सदस्यीय सर्वदलीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और कतर जैसे प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेगा। यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और पाकिस्तान की भूमिका से अवगत कराएगा। रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि “महत्वपूर्ण क्षणों में भारत एकजुट है,” और यह दौरा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होगा। भारत का उद्देश्य है कि ऑपरेशन सिंदूर में सामने आए तथ्यों को वैश्विक समुदाय के सामने रखा जाए। इसके जरिये आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति को अंतरराष्ट्रीय समर्थन दिलाना है।

22 या 23 मई से होगा 10 दिन का विदेश दौरा

प्रतिनिधिमंडल का दौरा 22 या 23 मई से शुरू होगा और यह कुल 10 दिनों तक चलेगा। इस दौरान ये नेता अमेरिकी और ब्रिटिश संसदों, कतर और दक्षिण अफ्रीका के उच्चाधिकारियों और नीति-निर्धारकों से मुलाकात करेंगे। भारत की ओर से स्पष्ट संदेश जाएगा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को अलग-थलग किया जाना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत जो सबूत मिले हैं, उन्हें इस दौरे में साझा किया जाएगा। यह भारत की कूटनीतिक रणनीति का अहम हिस्सा है। सरकार का मानना है कि यह दौरा वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने में सहायक होगा। यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक मोर्चे की शुरुआत मानी जा रही है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में 7 प्रमुख सांसद शामिल

इस विशेष प्रतिनिधिमंडल में सात प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों को शामिल किया गया है, जिससे इसे व्यापक राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त हो रहा है। कांग्रेस से शशि थरूर, भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जेडीयू से संजय कुमार झा, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी से सुप्रिया सुले और शिवसेना से एकनाथ शिंदे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। इस चयन से स्पष्ट है कि भारत ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का फैसला किया है। इससे भारत की विश्वसनीयता और बढ़ेगी। प्रतिनिधिमंडल में अनुभवी व युवा नेताओं का संतुलन है। ये सभी नेता अपनी पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर भारत की सुरक्षा के पक्ष में बोलेंगे।

भारत का मकसद – वैश्विक समर्थन और पाकिस्तान की घेराबंदी:

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाए और पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिन आतंकी नेटवर्क और पाकिस्तानी समर्थन की बातें सामने आई हैं, उन्हें दस्तावेजों व सबूतों के साथ पेश किया जाएगा। भारत यह दिखाना चाहता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरी मानवता की है। प्रतिनिधिमंडल रणनीतिक साझेदारों को यह भरोसा देगा कि भारत विश्वशांति का पक्षधर है और वह आतंक के खिलाफ हर मंच पर लड़ाई जारी रखेगा। यह कदम भारत की सामूहिक कूटनीति का संकेत है, जिसमें राजनीतिक दलों के मतभेद पीछे छूट गए हैं।


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