“काम रोकने वाले अफसरों को बचाने के लिए ट्रांसफर, आप का भाजपा पर हमला”

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (17 मई 2025): दिल्ली में अधिकारियों के बड़े पैमाने पर हुए तबादलों ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों को जेल से बचाने के लिए उनका ट्रांसफर कर रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिन अधिकारियों ने योजनाओं को रोक कर जनता को नुकसान पहुंचाया, अब उन्हें इनाम दिया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की नई सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। गृह मंत्रालय के आदेश से दिल्ली के वरिष्ठ अफसरों को बाहर भेजा गया है। इससे साफ है कि तबादला प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक बचाव है। आप ने इसे लोकतंत्र और जनता के साथ विश्वासघात बताया है।

भ्रष्ट अफसरों को बचा रही भाजपा: सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वित्त सचिव आशीष चंद्र वर्मा और स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार ने जानबूझकर सरकारी काम रोके। दिल्ली जल बोर्ड, बुजुर्ग पेंशन, मोहल्ला क्लीनिक की सैलरी, और फरिश्ते स्कीम जैसी योजनाओं में फंड जारी नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अफसर भाजपा के इशारे पर AAP सरकार को असफल दिखाने की कोशिश कर रहे थे। इनकी वजह से जनता को जरूरी सेवाओं से वंचित रहना पड़ा। अब जब सरकार बदल गई है, तो भाजपा उन्हें बचा रही है। अगर वे अब वही फंड जारी करें तो उनके पुराने फैसलों पर सवाल उठेंगे। इसी से बचाने के लिए उन्हें दिल्ली से बाहर भेजा जा रहा है।

जल बोर्ड की योजनाओं पर पड़ा बुरा असर

आप नेताओं के मुताबिक जल बोर्ड के हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट अटक गए। सचिव आशीष वर्मा ने बजट जारी नहीं किया, जिससे ट्यूबवेल, सीवर लाइनें और पानी की पाइपलाइन जैसे जरूरी काम रुक गए। बकाया भुगतान न होने से ठेकेदारों ने काम करना बंद कर दिया। मशीनें नहीं खरीदी जा सकीं और जनता को पानी की परेशानी झेलनी पड़ी। अधिकारियों ने जानबूझकर फाइलें रोकीं और बहाने बनाकर विकास कार्यों में देरी की। दिल्ली की जल व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। AAP ने इसे एक प्रशासनिक साजिश बताया है।

स्वास्थ्य और शिक्षा योजनाएं भी रुकीं

स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार ने भी फरिश्ते योजना में भुगतान रोक दिया। इस योजना के तहत निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और ऑपरेशन होते थे। भुगतान न मिलने के कारण अस्पतालों ने मरीजों का इलाज बंद कर दिया। योगा क्लास ट्रेनर्स और बस मार्शलों की सैलरी भी रोकी गई। मोहल्ला क्लीनिकों के बिजली बिल और किराये अटक गए। SC-ST छात्रों की स्कॉलरशिप भी रोकी गई। आप ने कहा कि यह योजनाएं जनता की भलाई के लिए थीं, लेकिन अफसरों ने राजनीति के लिए इन्हें निशाना बनाया।

‘अब फंस रहे अफसर, इसलिए हो रहा ट्रांसफर’

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब वही अफसर दुविधा में हैं। अगर वे अब रुकी हुई योजनाओं को पास करते हैं, तो उनके पुराने फैसलों पर सवाल खड़े होंगे। फाइलों पर उनके लिखे पुराने आपत्ति नोट अब उनके खिलाफ सबूत बन सकते हैं। इससे वे खुद कानूनी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। इसलिए भाजपा सरकार उन्हें बचाने के लिए दूसरी जगह भेज रही है। ट्रांसफर करके उनके पुराने फैसलों से पीछा छुड़ाया जा रहा है। इससे साफ है कि तबादले राजनीति से प्रेरित हैं।

भाजपा-अफसरों की मिलीभगत का आरोप

आप ने दावा किया कि भाजपा और कुछ अफसरों की मिलीभगत से दिल्ली की जनता को नुकसान हुआ। जानबूझकर योजनाओं को रोका गया और बाद में यही अफसर भाजपा सरकार में बहाल किए जा रहे हैं। चुनाव से पहले जनता को भ्रमित करने के लिए यह चाल चली गई। अब इन अफसरों को इनाम दिया जा रहा है और उन्हें कार्रवाई से बचाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। ऐसे अफसरों को सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन अब उन्हें सम्मानित किया जा रहा है।

आप की मांग – हो न्यायिक जांच

आप ने मांग की है कि इन अफसरों के कार्यों की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। जिन लोगों ने जनता की भलाई के काम रोके, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ट्रांसफर कोई समाधान नहीं है, बल्कि सच्चाई से भागने की कोशिश है। भाजपा सरकार इस साजिश को छिपाने में लगी है। जनता के पैसों और योजनाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों को जेल जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को अदालत और संसद दोनों में उठाएगी। लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने देंगे।


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