नई दिल्ली (16 मई 2025): भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और “ऑपरेशन सिंदूर” की पृष्ठभूमि में दिल्ली में बड़े प्रशासनिक फेरबदल को अंजाम दिया गया है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात 11 IAS और 11 IPS अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इन अधिकारियों को देश के अन्य हिस्सों में भेजा गया है जबकि उनकी जगह नए अधिकारियों को दिल्ली बुलाया गया है। इस आदेश की पुष्टि गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी राकेश कुमार सिंह द्वारा की गई है। दिल्ली में बीजेपी सरकार के गठन के बाद यह दूसरा मौका है जब इतने बड़े स्तर पर प्रशासनिक तबादले किए गए हैं। इन तबादलों का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाना बताया गया है। खास बात यह है कि जिन अधिकारियों को बदला गया है वे वर्षों से दिल्ली में ही कार्यरत थे। गृह मंत्रालय का मानना है कि क्षेत्रीय संतुलन और कार्यदक्षता को बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी था।
IAS अधिकारियों में 1994 बैच के वरिष्ठ अधिकारी आशीष चंद्र वर्मा को जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। वहीं, 1995 बैच के अनिल कुमार सिंह का भी तबादला जम्मू-कश्मीर किया गया है। 1999 बैच के सुधीर कुमार को मिजोरम स्थानांतरित किया गया है। इन अधिकारियों ने दिल्ली सरकार के कई अहम विभागों में कार्य किया था और इनके अनुभव का इस्तेमाल अब दूसरे संवेदनशील क्षेत्रों में किया जाएगा। अन्य प्रमुख तबादलों में 2008 बैच की IAS चंचल यादव और सचिन शिंदे को अंडमान-निकोबार भेजा गया है। इसी बैच के विनोद पी कबले को मिजोरम भेजा गया है। 2009 बैच के कृष्ण मोहन उप्पू को पुडुचेरी, जबकि 2012 बैच के नवीन एस एल को भी जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित किया गया है। वहीं हाल ही में सेवाएं शुरू करने वाली 2020 और 2021 बैच की अधिकारी श्रेया सिंगला, महिमा मदन और अनंत द्विवेदी को भी जम्मू-कश्मीर भेजा गया है।
IPS अधिकारियों में भी कई बड़े नामों का तबादला हुआ है। 2001 बैच के शंकर जायसवाल को लक्षद्वीप भेजा गया है। 2003 बैच के केशव राम चौरसिया को गोवा में नई जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा 2009 बैच के अशोक मलिक का तबादला मिजोरम कर दिया गया है। ये अधिकारी दिल्ली के महत्वपूर्ण पुलिस जिलों में नेतृत्व कर चुके हैं। 2012 बैच के देवेश कुमार महेला और सुरेंद्र चौधरी को अरुणाचल प्रदेश भेजा गया है, वहीं 2013 बैच की अपूर्वा गुप्ता को अंडमान-निकोबार में सेवा देने के लिए भेजा गया है। गृह मंत्रालय ने इस कदम को सुरक्षा और रणनीतिक प्रशासनिक संतुलन के तहत उठाया गया बताया है। इन स्थानों पर सुरक्षा व राजनीतिक दृष्टिकोण से अनुभवी अधिकारियों की आवश्यकता थी।
दिल्ली में खाली हुई जगहों पर अब देश के अन्य केंद्रशासित प्रदेशों से अधिकारियों को बुलाया गया है। अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी, अंडमान निकोबार, मिजोरम और लक्षद्वीप में तैनात अधिकारियों को दिल्ली लाकर उनकी नियुक्ति जल्द की जाएगी। इससे दिल्ली में प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था को नई दिशा देने की तैयारी की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तबादला नीति केंद्र सरकार की ‘रोटेशन पॉलिसी’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अधिकारियों को विभिन्न भूभागों और परिस्थितियों में कार्य का अनुभव देना है। इसके साथ ही यह कदम केंद्र-राज्य संबंधों और आंतरिक सुरक्षा के समन्वय को भी दर्शाता है। यह फेरबदल राजधानी दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को नई दिशा देने की तैयारी का संकेत है।

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