अमेरिका के साथ व्यापार देश की बहन – बेटियों के सिंदूर से अधिक कीमती?, आतिशी का प्रहार
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (13 मई 2025): आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी की नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सवाल उठाया कि भारत-पाक सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों की? उन्होंने कहा कि 10 मई को जब पूरा देश सेना के साथ था, उसी दिन अचानक अमेरिका की ओर से युद्धविराम की घोषणा कर दी गई। इसके बाद भारत सरकार ने भी चुपचाप इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने पूछा कि अगर पाकिस्तान ने सीजफायर मांगा था, तो ऐलान भारत को करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस फैसले से देश की जनता स्तब्ध है। हर नागरिक जानना चाहता है कि यह निर्णय किसके दबाव में हुआ।
आप नेता ने तीखा सवाल उठाया कि क्या अब अमेरिका के साथ व्यापार, देश की बहन-बेटियों के सिंदूर से ज़्यादा कीमती हो गया है? उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर दुश्मनों को करारा जवाब दिया। पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश था और सेना ने उसी का जवाब दिया। लेकिन जैसे ही सेना ने बढ़त बनाई, सीजफायर की घोषणा ने जनभावनाओं को ठेस पहुँचाई। उन्होंने कहा कि ट्रंप द्वारा दी गई व्यापार बंद की धमकी का सच सामने आना चाहिए। क्या यही कारण था कि सरकार ने एकतरफा शांति की राह पकड़ी? देश जानना चाहता है कि ये कूटनीति थी या दबाव?
AAP नेता ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर कोई सामान्य सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह देश की आत्मा से जुड़ी भावना थी। इस अभियान से जुड़ा हर नागरिक चाहता था कि पहलगाम हमले का पूरा बदला लिया जाए। सेना ने घर में घुसकर आतंकियों और उनके समर्थकों को निशाना बनाया। लेकिन जैसे ही ऑपरेशन निर्णायक मोड़ पर पहुंचा, युद्धविराम ने सब कुछ अधूरा कर दिया। आतिशी ने पूछा कि क्या हम वो आतंकी पकड़ पाए जिन्होंने हमारे बेटियों के सिंदूर को लहूलुहान किया? क्या पाकिस्तान ने उन आतंकियों को भारत को सौंपा? या फिर सारा अभियान सिर्फ एक संदेश बनकर रह गया?
आतिशी ने प्रधानमंत्री से तीन अहम सवालों पर जवाब मांगा है। पहला, क्या पाकिस्तान ने दुनिया के सामने अपनी हार स्वीकार की? दूसरा, क्या भारत को उन आतंकियों की लिस्ट मिली जिन्होंने पहलगाम हमला किया? और तीसरा, क्या अमेरिका ने वास्तव में व्यापार बंद करने की धमकी दी थी? उन्होंने कहा कि अगर ये धमकी सच थी, तो भारत सरकार ने क्यों झुकाव दिखाया? उन्होंने दावा किया कि सरकार की चुप्पी से संदेह और गहराया है। जनता को स्पष्ट और ठोस जवाब चाहिए। सिर्फ टीवी पर भाषण देने से जवाबदेही खत्म नहीं होती।
आतिशी ने कहा कि प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन केवल एकतरफा संवाद था। उसमें उन गंभीर सवालों पर चुप्पी साध ली गई, जो आज हर घर में पूछे जा रहे हैं। जब देश की माताएं-बेटियां शहीदों के लिए रो रही हैं, तब शांति की घोषणा कोई संतोष नहीं देती। उन्होंने कहा कि युद्धविराम की घोषणा केवल कूटनीतिक नहीं, भावनात्मक भी थी। इसलिए सरकार को जवाब देना ही होगा कि यह फैसला क्यों और किसके कहने पर लिया गया। क्या यह जनभावनाओं के विरुद्ध एक राजनीतिक सौदा था? या फिर देश की गरिमा से किया गया समझौता?
AAP नेता ने यह भी सवाल किया कि अगर पाकिस्तान ने खुद सीजफायर मांगा, तो उसने अब तक अपनी हार को स्वीकार क्यों नहीं किया? आतिशी ने कहा कि पाकिस्तान ने न कोई बयान दिया, न समझौते पर हस्ताक्षर किए। यहां तक कि उसने उन आतंकियों के नाम भी सार्वजनिक नहीं किए जिनकी बात भारत कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान को मजबूर किया, तो उसकी घोषणा अमेरिका क्यों कर रहा है? इससे स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं भारतीय नीति में झुकाव आया है। यह केवल जनता को भ्रमित करने का प्रयास है।
आखिर में आतिशी ने मांग की कि केंद्र सरकार सीजफायर को लेकर एक श्वेतपत्र जारी करे। उसमें बताया जाए कि इस अभियान से क्या हासिल हुआ और किन शर्तों पर युद्धविराम हुआ। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देती तो जनता का गुस्सा और बढ़ेगा। यह केवल सरकार की नीति पर सवाल नहीं, बल्कि देश की अस्मिता का मामला है। पूरा देश जानना चाहता है कि ‘सिंदूर का बदला’ अधूरा तो नहीं रह गया। अगर आतंकियों को सजा नहीं मिली, तो यह सीजफायर एक ऐतिहासिक भूल बन जाएगी। आम आदमी पार्टी इसका जवाब लेकर ही रहेगी।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।