नई दिल्ली (08 मई 2025): दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सरकार और विपक्ष के सभी प्रमुख दलों ने एक सुर में राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना के पराक्रम को समर्थन दिया। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े हालात और सेना की रणनीति की जानकारी सभी दलों के नेताओं को दी। बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि “यह बैठक गंभीर विषय पर थी और सभी नेताओं ने गंभीरता से अपने विचार साझा किए। रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी, जिस पर सभी नेताओं ने सुझाव भी दिए और सेना की सराहना की।”
किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि यह एक बेहद सकारात्मक बैठक रही जिसमें सभी राजनीतिक दलों ने यह स्पष्ट किया कि वे इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में सरकार और सेना के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा, “सभी दलों ने सेना की कार्रवाई की प्रशंसा की और एकजुटता के साथ समर्थन देने का आश्वासन दिया। यह लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है जब हर दल राष्ट्रहित में एकजुट होकर खड़ा होता है। मैं सभी नेताओं का धन्यवाद करता हूं।”
इस बैठक में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार और सेना की खुले शब्दों में प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैंने ऑपरेशन सिंदूर के लिए हमारे सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की है। साथ ही सुझाव दिया कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाना चाहिए ताकि आतंकवाद के नेटवर्क को वैश्विक स्तर पर उजागर किया जा सके।” ओवैसी के इस सुझाव को बैठक में गंभीरता से लिया गया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह समय राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकजुटता दिखाने का है। उन्होंने कहा, “बैठक में जो भी जानकारी दी गई, हमने ध्यान से सुनी और यह स्पष्ट किया कि हम सभी सरकार के साथ हैं। जो भी कार्य सरकार देशहित में कर रही है, हम उसका समर्थन करेंगे।” खरगे ने यह भी कहा कि विपक्ष जिम्मेदारी और गंभीरता के साथ इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार का साथ देगा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सरकार को पूरे समर्थन का भरोसा दिया। उन्होंने कहा, “हमने सरकार को स्पष्ट समर्थन दिया है। जैसा कि खरगे जी ने कहा, कुछ बातें ऐसी हैं जिन पर सरकार चर्चा नहीं करना चाहती और हम उसका सम्मान करते हैं। हमारी प्राथमिकता है कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो और हर दल इस उद्देश्य में साथ खड़ा हो।” उन्होंने भी सेना के अदम्य साहस की सराहना की और एकजुटता के इस माहौल को सकारात्मक बताया।
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच एक मजबूत सहमति है। हर दल ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए एक स्वर में समर्थन जताया है। सेना की कार्रवाई और रणनीति को सभी ने सराहा और किसी भी राजनीतिक मतभेद से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दी। यह बैठक केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता की मिसाल बनकर सामने आई है।
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