NEET पेपर लीक पर बड़ा एक्शन: 14 स्टूडेंट्स का एडमिशन रद्द, 42 पर तीन साल का बैन

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (04 मई 2025): NEET-UG 2024 पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार और शिक्षा से जुड़ी संस्थाएं एक्शन मोड में आ गई हैं। शिक्षा मंत्रालय और नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने परीक्षा में धांधली करने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 14 छात्रों का एडमिशन रद्द कर दिया है। ये छात्र उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने लीक हुए प्रश्नपत्रों से लाभ उठाया या दूसरों के स्थान पर परीक्षा दी। इसके अलावा 26 MBBS छात्रों को उनके मेडिकल कॉलेजों से तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में मेडिकल छात्रों पर एक साथ कार्रवाई हुई है।

मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने पुष्टि की है कि यह कोई अकेली घटना नहीं, बल्कि एक संगठित रैकेट का हिस्सा है जिसमें डमी कैंडिडेट्स और पेपर सॉल्विंग गैंग शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ परीक्षा केंद्रों पर लीक पेपर पहले से सॉल्व करवाए गए थे, और कई कोचिंग सेंटर व एजेंट्स की भूमिका भी शक के घेरे में है। इस सिलसिले में अब तक कई संदिग्धों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की जांच कमेटी ने ‘अनफेयर मीन्स’ (UFM) के मामलों पर फैसला सुनाते हुए 42 उम्मीदवारों को आगामी तीन वर्षों के लिए NEET परीक्षा देने से प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं, 9 अन्य उम्मीदवारों पर दो साल का बैन लगाया गया है। ये छात्र अब 2025 और 2026 की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। NTA ने स्पष्ट किया कि हर मामले की गहनता से जांच की गई ताकि दोषियों की पहचान सुनिश्चित हो सके।

वर्तमान में 215 अन्य उम्मीदवारों की भूमिका पर जांच जारी है। शिक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय संयुक्त रूप से इन मामलों की गंभीरता से समीक्षा कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि चाहे किसी छात्र का एडमिशन हो चुका हो, अगर वह दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी मेडिकल संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संदिग्ध छात्रों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।

सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि NEET जैसी राष्ट्रीय परीक्षा की पवित्रता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह सिर्फ सजा नहीं, बल्कि एक कड़ा संदेश भी है कि मेडिकल शिक्षा में ईमानदारी और पारदर्शिता सर्वोपरि है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं आम छात्रों के विश्वास को नुकसान पहुंचाती हैं, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत है।

यह मामला देश की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था की साख पर एक बड़ा सवाल है, जिसे बचाने के लिए केंद्र सरकार और जांच एजेंसियां मिलकर पूरी ताकत से काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों और सस्पेंशन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। NEET जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखना सरकार और समाज दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है।।


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