दिल्ली में पानी पर सियासी संग्राम तेज! प्रवेश वर्मा और सौरभ भारद्वाज आमने-सामने, पंजाब पर आरोप-प्रत्यारोप

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (03 मई 2025): दिल्ली की सियासत एक बार फिर पानी के मुद्दे पर उबल पड़ी है। गर्मी की मार झेल रही राजधानी में जल संकट गहराता जा रहा है, और इसी संकट ने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के बीच खींचतान को जन्म दे दिया है। अब यह केवल पानी की आपूर्ति का मसला नहीं रह गया, बल्कि सियासी वार-पलटवार का नया अखाड़ा बन गया है। दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने जहां पंजाब सरकार पर पानी रोकने का सीधा आरोप लगाया है, वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर करारा तंज कसते हुए पूरे विवाद को केंद्र सरकार की नीतियों से जोड़ दिया है।

प्रवेश वर्मा का कहना है कि पंजाब सरकार जानबूझकर हरियाणा और दिल्ली का पानी रोक रही है ताकि राजनीतिक बदले की भावना से राजधानी की जनता को मुश्किल में डाला जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी चुनावी हार से बौखला गई है और अब दिल्ली में जल संकट खड़ा कर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। वर्मा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि “ये गंदी राजनीति बंद करो, नहीं तो पंजाब से भी जाना पड़ेगा।” उन्होंने दावा किया कि बीजेपी सरकार दिल्ली के हर घर तक साफ पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन पंजाब सरकार इसमें बाधा बन रही है।

दूसरी ओर, सौरभ भारद्वाज ने वर्मा के आरोपों पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को रोककर पाकिस्तान का पानी बंद कर दिया है, तो भारत के पास तो भरपूर पानी होना चाहिए। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “उसमें से सिर्फ 1% पानी भी अगर दिल्ली को दे दिया जाए, तो संकट खत्म हो जाएगा।” भारद्वाज ने यह भी याद दिलाया कि जब आम आदमी पार्टी सरकार ने हरियाणा पर पानी न देने का आरोप लगाया था, तो बीजेपी और उपराज्यपाल यही कहते थे कि पानी की कोई कमी नहीं है, बल्कि सरकार को चलाना नहीं आता।

इस बीच, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी हाल ही में पंजाब सरकार पर पानी रोकने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में टैंकर माफिया को खत्म कर पाइपलाइन के जरिए हर घर तक पानी पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है। गुप्ता ने यह भी दोहराया कि उनकी सरकार केवल हंगामा नहीं बल्कि दिल्ली की सूरत बदलना चाहती है। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी भाखड़ा डैम से पानी रोके जाने पर चिंता जताई थी और पंजाब से अतिरिक्त पानी देने की मांग की थी, वरना वह पानी पाकिस्तान चला जाएगा।

पानी को लेकर यह विवाद अब राजनीतिक दलों की सीमाओं से निकलकर अंतरराज्यीय टकराव का रूप ले चुका है। जहां एक ओर पानी की कमी आम जनता की परेशानी बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर नेताओं के बयानबाज़ी से यह संकट और उलझता जा रहा है। सवाल यह है कि क्या इस रार से कोई हल निकलेगा, या फिर दिल्ली की जनता गर्मी के साथ-साथ राजनीतिक गर्माहट की कीमत भी चुकाती रहेगी?


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