दिल्ली में तूफानी कहर: पेड़ गिरने से तीन बच्चों समेत चार की मौत, फ्लाइट्स पर भी असर

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (02 मई 2025): दिल्ली में शुक्रवार सुबह आई तेज आंधी और बारिश ने कहर बरपा दिया। राजधानी के दक्षिणी हिस्से जाफरपुर कलां गांव में एक दर्दनाक हादसा हो गया, जहां तेज हवाओं से उखड़ा एक नीम का पेड़ खेत पर बने एक कमरे पर जा गिरा। यह कमरा एक परिवार द्वारा अस्थायी रूप से उपयोग में लाया जा रहा था, जिसमें उस समय एक महिला और उसके तीन बच्चे सो रहे थे। हादसे के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। मलबे में दबे सभी लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया, जिससे परिवार और गांव में मातम छा गया।

सूचना मिलते ही बचाव कार्य पुलिस ने किया शुरू

इस घटना की सूचना पुलिस को तड़के सुबह 5 बजकर 26 मिनट पर मिली। कॉल में बताया गया कि खड़खड़ी नहर गांव के पास एक कमरा ढह गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि खेत पर बने एक ट्यूबवेल रूम पर नीम का पेड़ गिरा है। इसी कमरे में ज्योति (26 वर्ष), पत्नी अजय, अपने तीन बच्चों के साथ सो रही थी। पेड़ गिरने से कमरा पूरी तरह ढह गया था और सभी लोग मलबे में दब गए थे। पुलिस, अग्निशमन दल और ग्रामीणों की मदद से सभी को बाहर निकाला गया। उन्हें नजदीकी आरटीआर अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने महिला और तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत

घटना में घायल हुआ व्यक्ति अजय, मृतका ज्योति का पति है। वह मामूली रूप से जख्मी हुआ है और उसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। यह हादसा इतना भयावह था कि आसपास के लोग भी दहशत में आ गए। ज्योति के तीन बच्चों की मौत से पूरा परिवार और गांव सदमे में है। घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय विधायक ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। साथ ही सरकार की ओर से मुआवज़े की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।

छावला में गिरा छत, चार लोग दबे

उधर दिल्ली के छावला इलाके में एक और दर्दनाक घटना सामने आई। यहां तेज हवा और बारिश के कारण एक मकान की छत अचानक गिर गई। मकान में उस समय चार लोग मौजूद थे, जो मलबे के नीचे दब गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में बचाव दल भी मौके पर पहुंचा और दबे हुए सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। हादसे से इलाके में हड़कंप मच गया और आसपास के लोग डरे हुए हैं। प्रशासन ने भवन की जांच के आदेश दे दिए हैं।

हवाई यात्रा भी हुई प्रभावित

तेज आंधी-तूफान का असर केवल ज़मीन तक सीमित नहीं रहा। हवाई सेवाओं पर भी इसका गंभीर असर देखने को मिला। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर करीब 100 फ्लाइट्स प्रभावित हुईं। कुछ उड़ानों को रद्द करना पड़ा, जबकि कई को डायवर्ट कर दिया गया। यात्री घंटों एयरपोर्ट पर परेशान होते रहे और एयरलाइंस पर नाराजगी जताई। स्थिति से निपटने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए। हालांकि सुबह के वक्त कई यात्रियों की योजनाएं प्रभावित हो गईं। एयरलाइंस ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की।

बिजली गिरने से मकान में लगी आग

उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में बिजली गिरने से एक और हादसा हुआ। सुबह के वक्त तेज आवाज के साथ एक मकान पर बिजली गिरी, जिससे उसमें आग लग गई। मकान से लपटें और धुआं उठता देख लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। सौभाग्यवश इस हादसे में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ। हालांकि घर के सामान को काफी नुकसान हुआ है। बिजली गिरने की यह घटना भी लोगों के लिए डरावनी रही। मौसम विभाग ने फिर से सतर्क रहने को कहा है।

मौसम विभाग ने पहले ही जारी की थी चेतावनी

मौसम विभाग ने पहले ही दिल्ली-एनसीआर के लिए चेतावनी जारी की थी। विभाग ने बताया था कि हवा की गति 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर बिजली गिरने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई थी। लेकिन कई लोगों ने चेतावनी को हल्के में लिया और खुले में रहे। प्रशासन ने अब लोगों को खास तौर पर पेड़ों और कमजोर दीवारों से दूर रहने की सलाह दी है। अगले 24 घंटे मौसम और बिगड़ सकता है। कई इलाकों में अभी भी बिजली आपूर्ति प्रभावित है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की अपील की है।

उजागर हुई लचर ढांचागत व्यवस्था

इस तूफान ने एक बार फिर दिल्ली की आपदा प्रबंधन तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पेड़ों का बिना देखरेख गिरना, कमजोर मकानों का ढहना और फ्लाइट्स की व्यवस्था में कमी उजागर हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम की चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया गया। सरकार और नगर निगम को ऐसे हादसों से निपटने के लिए अधिक सतर्क और सक्रिय होने की जरूरत है। जिन क्षेत्रों में पेड़ जर्जर स्थिति में हैं, उनकी पहचान जरूरी है। साथ ही झुग्गी और कमजोर निर्माण वाले इलाकों में सुरक्षा उपाय बढ़ाने होंगे। लोगों में भी जागरूकता फैलाने की ज़रूरत है।

राहत और बचाव कार्य जारी

प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। नगर निगम की टीमें मलबा हटाने और साफ-सफाई में जुटी हैं। विद्युत विभाग आपूर्ति बहाल करने की कोशिश कर रहा है। अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है और आपदा प्रबंधन टीम अलर्ट पर है। दिल्ली सरकार ने भी उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की है। मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर शोक जताया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। प्रशासन ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।

दिल्ली के लोगों के लिए यह तूफान एक चेतावनी बनकर आया है। मौसम की अनिश्चितता और प्रकृति की शक्ति के सामने तैयार रहना ही एकमात्र उपाय है। एक ओर जहां लोग अपनी जान गंवा बैठे, वहीं कई जिंदगियां बाल-बाल बचीं। प्रशासनिक लापरवाही और प्राकृतिक आपदा की दोहरी मार ने शहर को झकझोर दिया। आने वाले दिनों में और भी बदलावों और सतर्कता की जरूरत महसूस की जा रही है। लोग दहशत में हैं लेकिन सावधानी से बहुत कुछ रोका जा सकता है। यह हादसा राजधानी को लंबे समय तक याद रहेगा। उम्मीद है, इससे सीख लेकर आने वाले समय में बेहतर तैयारी होगी।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।