दिल्ली मेट्रो में बड़ा हादसा टला, यात्रियों की मदद से बची एक जान

नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2025 — दिल्ली मेट्रो की एक लापरवाही के कारण एक गंभीर हादसा होते-होते टल गया। भगवत प्रसाद शर्मा नामक यात्री ने शुक्रवार को बाराखंबा से नोएडा बॉटानिकल गार्डन जाने के लिए मेट्रो पकड़ी थी, लेकिन भूलवश वैशाली रूट की मेट्रो में सवार हो गए। यमुना बैंक स्टेशन पर मेट्रो बदलने के दौरान उनका एक पैर मेट्रो के दरवाज़े में फंस गया और वे प्लेटफॉर्म पर गिर पड़े।

घटना के अनुसार, भगवत जी जैसे ही मेट्रो से उतरने लगे, दरवाज़े अचानक बंद हो गए। वे बाहर तो निकल गए, लेकिन उनका एक पैर दरवाज़ों में ही फंस गया। मेट्रो के शटरों की तेज़ टक्कर से वे ज़मीन पर गिर पड़े और उनके घुटने, कोहनी और कमर में गंभीर चोटें आईं। यह दृश्य बेहद खतरनाक था और समय रहते मदद न मिलती तो जान का नुकसान भी हो सकता था।

उसी समय वहां मौजूद एक महिला, जो अपनी दो बेटियों के साथ थीं, तुरंत मदद के लिए दौड़ीं। उन्होंने मेट्रो कर्मचारियों से दरवाज़ा खुलवाकर भगवत जी का पैर बाहर निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उन्होंने उन्हें पानी पिलाया, शारीरिक सहारा दिया और तब तक उनका ध्यान रखा जब तक मेट्रो की मेडिकल टीम मौके पर नहीं पहुंच गई।

भगवत प्रसाद शर्मा ने इन अजनबी देवियों का फ़ेसबुक के माध्यम से आभार व्यक्त किया है और भावुक होते हुए कहा, “मैं जीवन भर उनके इस उपकार को नहीं भूल सकता। उनके चरण स्पर्श करना चाहता हूँ। उनके आशीर्वाद से ही मेरा जीवन बच पाया।”

उन्होंने मेट्रो की मेडिकल टीम और एक अन्य सज्जन व्यक्ति का भी आभार प्रकट किया, जिन्होंने समय रहते सहायता की।

यह घटना न केवल दिल्ली मेट्रो की तकनीकी सतर्कता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मानवता आज भी जीवित है — जहां अनजान लोग एक-दूसरे की जान बचाने के लिए निस्वार्थ भाव से आगे आते हैं।


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