यमुना सफाई के लिए शुरू हुआ ऑपरेशन “साहिबी रिवर”

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (30 अप्रैल 2025): दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर रेखा गुप्ता सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जल बोर्ड ने ‘ऑपरेशन साहिबी रिवर’ की शुरुआत करते हुए यमुना में गंदगी फैलाने वाले सबसे बड़े स्रोत, नजफगढ़ ड्रेन को चिन्हित किया है। पहले चरण में तिमारपुर से पंजाबी बाग तक करीब 11 किलोमीटर लंबे हिस्से की सफाई की जाएगी। इस हिस्से में 23 एक्टिव ड्रेनों को ट्रैप करने का काम किया जाएगा। यमुना को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए यह एक निर्णायक पहल मानी जा रही है। जल बोर्ड का मानना है कि अगर पहले फेज में ही सफलता मिलती है, तो आगे की योजना भी तेज़ी से लागू की जाएगी। यह अभियान जल बोर्ड के विशेष बोर्ड द्वारा संचालित किया जा रहा है।

जल बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, यमुना में गिरने वाली गंदगी में 60 फीसदी हिस्सा सिर्फ नजफगढ़ ड्रेन से आता है। यह ड्रेन लगभग 57 किलोमीटर लंबी है और दिल्ली के कई घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरती है। इसमें 50 से अधिक छोटी-बड़ी सब-ड्रेनों का गंदा पानी मिलता है। इनमें रिहायशी इलाकों का सीवर, मार्केट एरिया की गंदगी और औद्योगिक कचरा शामिल होता है। यही गंदा पानी आखिर में यमुना में जाकर प्रदूषण फैलाता है। इसलिए इस ड्रेन को ट्रैप करना सबसे जरूरी कदम है। अगर इसे रोक लिया गया, तो यमुना सफाई का बड़ा हिस्सा हल हो सकता है।

‘ऑपरेशन साहिबी रिवर’ को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। सबसे पहले उन ड्रेनों की पहचान की गई है जो सीधे नजफगढ़ ड्रेन से जुड़ती हैं। पहले फेज में इन 23 ड्रेनों को ट्रैप कर उनका पानी शुद्ध किया जाएगा। इसके लिए एक विस्तृत डीपीआर तैयार की जा रही है। इसमें ड्रेनों की स्थिति, पानी की मात्रा और शुद्धिकरण की व्यवस्था शामिल है। जल बोर्ड ने इस डीपीआर को तैयार करने के लिए एक हफ्ते का समय निर्धारित किया है। अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद अन्य ड्रेनों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इससे पूरे स्ट्रेच की सफाई की दिशा में ठोस कार्य होगा।

तिमारपुर से पंजाबी बाग तक के इस 11 किलोमीटर के स्ट्रेच की सफाई के बाद अगले चरण में शेष 27 ड्रेनों पर काम शुरू किया जाएगा। जल बोर्ड का उद्देश्य है कि पूरी नजफगढ़ ड्रेन को साफ किया जाए और इसके जरिये यमुना में गंदे पानी का प्रवाह रोका जाए। दिल्ली जल बोर्ड ने कहा है कि इस ऑपरेशन के तहत केवल सफाई ही नहीं, बल्कि ड्रेनों के गंदे पानी को ट्रीट करने की व्यवस्था भी की जाएगी। इससे यमुना में साफ पानी ही पहुंचेगा। इस अभियान में आधुनिक मशीनों और तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा। दिल्ली सरकार इसे एक मॉडल प्रोजेक्ट के तौर पर देख रही है। यह परियोजना अन्य प्रदूषित नदियों के लिए भी उदाहरण बन सकती है।

जल बोर्ड के अनुसार, वर्तमान में यमुना में हर दिन करीब 3441.22 एमएलडी गंदा पानी गिरता है। इसमें से लगभग 2065 एमएलडी गंदा पानी नजफगढ़ ड्रेन के जरिए आता है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि यह पानी दिल्ली के पीने के जल स्रोत को प्रभावित करता है। अधिकारियों का मानना है कि अगर इस गंदे पानी को ट्रैप कर साफ किया गया, तो यमुना को स्वच्छ बनाने की दिशा में बड़ी सफलता मिल सकती है। ‘ऑपरेशन साहिबी रिवर’ इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। जल बोर्ड के अफसरों ने इसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के विजन का हिस्सा बताया है। आने वाले महीनों में इस प्रोजेक्ट के परिणाम दिखाई देने लगेंगे।


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