यमुना अथॉरिटी प्लॉट स्कीम में बड़ा घोटाला, 16 आवंटन रद्द

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा(29 अप्रैल 2025): उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) द्वारा कोरोना काल के दौरान शुरू की गई इंडस्ट्रियल और टॉय पार्क प्लॉट योजना में भारी अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ है। इस मामले में जांच के बाद अथॉरिटी ने 16 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया है।

फर्जीवाड़ा ऐसे आया सामने

योजना के तहत भूखंडों का आवंटन केवल एक ही परिवार के एक सदस्य को किए जाने की शर्त थी। लेकिन जांच में यह पाया गया कि इस नियम को ताक पर रखते हुए चंद औद्योगिक घरानों के परिवारों के कई सदस्यों को अलग-अलग नामों से भूखंड आवंटित कर दिए गए। जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, 10 औद्योगिक घरानों के परिवारों को कुल 16 भूखंड दिए गए, जो नियमों के विरुद्ध पाया गया।

शासन की सख्ती के बाद शुरू हुई जांच

जैसे ही इस फर्जीवाड़े की जानकारी शासन स्तर तक पहुंची, तुरंत यमुना अथॉरिटी के सीईओ को जांच कमेटी गठित करने का निर्देश दिया गया। एसीईओ की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपी, जिसके आधार पर 16 भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया गया। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह लापरवाही अथॉरिटी के किस स्तर पर हुई।

100 एकड़ में बन रहा टॉय पार्क, 94 भूखंडों की हो चुकी है रजिस्ट्री

भारत को ग्लोबल टॉय मार्केट में मजबूत पहचान दिलाने के उद्देश्य से यमुना अथॉरिटी द्वारा यीडा सिटी के सेक्टर-33 में 100 एकड़ क्षेत्र में टॉय पार्क की स्थापना की जा रही है। इस योजना के तहत 134 भूखंडों का आवंटन किया गया था, जिनमें से अब तक 94 की रजिस्ट्री हो चुकी है। कुछ निवेशकों ने नक्शे पास कराकर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है।

ड्रॉ प्रक्रिया में भी अनियमितता का संदेह

वर्ष 2020 में सेक्टर-29 में इंडस्ट्रियल पार्क और सेक्टर-33 में टॉय पार्क के लिए कुल 855 भूखंडों की योजना लॉन्च की गई थी। योजना में 2,785 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 2,290 आवेदन योग्य पाए गए। 9 अक्टूबर 2020 को ड्रॉ के जरिए 855 भूखंडों का आवंटन किया गया, जिसमें 700 आवेदन सफल रहे। उसी दिन अथॉरिटी को यह सूचना मिली कि एक ही परिवार के कई सदस्यों को अलग-अलग भूखंड मिल गए हैं।

42 आवंटनों की हुई जांच, 16 पाए गए दोषी

ड्रॉ में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए 42 आवंटनों को जांच के दायरे में रखा गया। जांच में खुलासा हुआ कि इनमें से एक आवंटी पहले ही भूखंड सरेंडर कर चुका था, जबकि शेष 41 में से 16 मामले मल्टिपल अलॉटमेंट के निकले और इन्हें रद्द कर दिया गया है। जिन आवंटियों को क्लीन चिट दी गई, वे जांच में दोषमुक्त पाए गए।यमुना अथॉरिटी अब यह सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितता न हो। साथ ही जिन योजनाओं में नियमों का उल्लंघन हुआ है, उनमें पुन: समीक्षा की जा रही है।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।