‘संसद ही सर्वोच्च, इससे ऊपर कोई नहीं…’: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (22 अप्रैल 2025): सुप्रीम कोर्ट और संसद के अधिकार क्षेत्र को लेकर जारी बहस के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान एक बार फिर सामने आया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि संसद सर्वोच्च है और निर्वाचित सांसद संविधान के अंतिम मालिक हैं। उन्होंने न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए यह टिप्पणी की। दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संविधान जनता के लिए है और संसद उसकी सबसे बड़ी संरक्षक है। यह बयान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी के बाद आया है। इस संदर्भ में धनखड़ की बातों को राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

धनखड़ ने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी प्राधिकारी की कल्पना नहीं की गई है। उन्होंने 1977 के चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाया था, उसे लोकतंत्र ने जवाबदेह ठहराया। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संविधान की आत्मा जनता में बसती है और संसद उसे अभिव्यक्त करती है। उनका इशारा स्पष्ट था कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में विधायिका की भूमिका सर्वोपरि है। उनका यह बयान संवैधानिक संस्थाओं के बीच संतुलन के दृष्टिकोण से बहस को फिर से तेज कर सकता है।

उपराष्ट्रपति की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की आलोचना करते हुए विवाद खड़ा कर दिया था। दुबे ने कहा था कि यदि सर्वोच्च सत्ता कोर्ट के पास ही है, तो संसद की आवश्यकता ही क्या है। उन्होंने व्यंग्य में कहा था कि फिर तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उनके इस बयान की व्यापक आलोचना हुई और इसे न्यायपालिका की अवमानना के रूप में देखा गया। इस पृष्ठभूमि में उपराष्ट्रपति का संसद को सर्वोच्च बताना एक बड़ा राजनीतिक और संवैधानिक संकेत माना जा रहा है।

धनखड़ का यह बयान न केवल न्यायपालिका और विधायिका के बीच भूमिका की स्पष्टता की मांग करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि लोकतंत्र में निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि संसद किसी भी रूप में कमजोर नहीं हो सकती, क्योंकि वही जनता की प्रतिनिधि संस्था है। उनके अनुसार, संविधान की व्याख्या के लिए अदालतें हैं, लेकिन संविधान के संरक्षण की जिम्मेदारी संसद और उसके सांसदों पर है। यह टिप्पणी आने वाले दिनों में राजनीतिक विमर्श और संवैधानिक बहस को नया मोड़ दे सकती है।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।