IHGF दिल्ली फेयर में मुरादाबाद के हस्तशिल्पों ने बिखेरा जलवा | ‘मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स ऑफ इंडिया’
टेन न्यूज़ नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (19 अप्रैल 2025): भारत के सबसे प्रतिष्ठित हस्तशिल्प मेलो में से एक, 59वां आईएचजीएफ दिल्ली फेयर का शुभारंभ ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 16 अप्रैल से 19 अप्रैल तक हुआ। यह मेला एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स (EPCH) द्वारा आयोजित किया गया है, जो घरेलू सजावट, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल्स के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों में गिना जाता है। इस मेले का उद्घाटन भारत सरकार के कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने किया, जिन्होंने प्रदर्शनी हॉल का दौरा कर शिल्पकारों से संवाद भी किया। NDMC के उपाध्यक्ष कुलजीत चहल ने भी मेले में भाग लिया और पुरस्कार वितरण समारोह में विजेताओं को सम्मानित किया।
‘मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स ऑफ इंडिया’ स्टॉल बना मेले की शान
इस मेले में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा ‘मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स ऑफ इंडिया’ स्टॉल, जिसकी अगुवाई कर रहे हैं नजमुल इस्लाम, जो मुरादाबाद के निवासी हैं, साथ ही MHE (मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एंटरप्राइजेज) के संरक्षक और जनपद मुरादाबाद के सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन भी हैं।

टेन न्यूज़ नेटवर्क से खास बातचीत में नजमुल इस्लाम ने बताया, मुरादाबाद को पीतल नगरी कहा जाता है और इसकी कला दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन अफसोस की बात है कि अब यह कला धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। मैंने उन कारीगरों को दोबारा जोड़ा है जो कभी भुखमरी के कगार पर थे, ताकि वे पारंपरिक और यूनिक उत्पाद बना सकें।
उन्होंने यह भी बताया कि उनका उद्देश्य केवल निर्यात नहीं, बल्कि हजारों कारीगरों को रोजगार देना भी है।2014 में मुझे सामाजिक कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मेरे पास 1400 सिविल डिफेंस वार्डन हैं, जो हर आपदा, त्योहार, कर्फ्यू, या जुलूस में प्रशासन का सहयोग करते हैं।
‘मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स ऑफ इंडिया’ स्टॉल पर प्रदर्शित उत्पादों में पीतल, तांबा और अन्य धातुओं से बने पारंपरिक हस्तनिर्मित शोपीस, सजावटी लैंप, ट्रे, कटोरी सेट, पूजा सामग्रियाँ और होम डेकोर आइटम्स प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन उत्पादों की खासियत यह है कि ये सभी हाथों से बनाए गए हैं और हर एक पीस में मुरादाबादी शिल्प की अनोखी झलक मिलती है।
आज भी देश और विदेशों में हमारे उत्पादों की भारी डिमांड है – रूस, इंडोनेशिया, तुर्की, दुबई, सऊदी अरब, कजाकिस्तान, लेबनान और कतर जैसे देशों में निर्यात होता है। परंतु कारीगरों की संख्या में आई गिरावट के कारण मांग पूरी कर पाना चुनौती बन गया है, नजमुल इस्लाम ने कहा। उन्होंने बताया कि फेयर के तीनों दिन उत्कृष्ट रिस्पॉन्स मिला, विशेषकर अंतिम दिन भारी भीड़ रही और बायर्स ने ऑन-द-स्पॉट ऑर्डर दिए।
मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स ऑफ इंडिया’ जैसे स्टॉल्स न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रख रहे हैं, बल्कि हजारों कारीगरों के जीवन को भी संवार रहे हैं। आईएचजीएफ फेयर जैसे मंच इन उत्पादों को वैश्विक पटल पर लाने का सशक्त माध्यम बनते जा रहे हैं।

भारतीय शिल्पकला की जीवंत प्रस्तुति और निर्यातकों व अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण नेटवर्किंग मंच — यह मेला हजारों कारीगरों और 3,000 से अधिक प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ आयोजित किया जाता है। इसमें होम डेकोर, वस्त्र, फर्नीचर, फैशन ज्वेलरी और एसेसरीज़ जैसी कई श्रेणियों के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है।
ईपीसीएच (EPCH) के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात के अस्थायी आंकड़े रु. 33,490.79 करोड़ (यूएस $3959.86 मिलियन) रहे हैं — जो भारत की शिल्प विरासत की वैश्विक लोकप्रियता का प्रमाण हैं। जैसे-जैसे मेला आगे बढ़ेगा, प्रदर्शक रचनात्मकता, सततता और शिल्प कौशल की सीमाओं को और भी विस्तार देंगे, जिससे वैश्विक हस्तशिल्प बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।।
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