दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठियों का नेटवर्क!, पुलिस की कार्रवाई से चौंकाने वाले खुलासे

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (18 अप्रैल 2025): दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ पुलिस ने जब से विशेष अभियान चलाया है, तब से एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 20 नवंबर 2024 से शुरू हुई कार्रवाई में अब तक 60 से अधिक बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें कई लोगों ने सर्जरी के जरिए अपना जेंडर भी बदला था ताकि पहचान छिपाई जा सके। पुलिस के अनुसार, ये लोग फर्जी पहचान पत्र और आधार कार्ड के जरिए भारत में रह रहे थे। ये लोग भीख मांगने, कबाड़ी का काम करने और प्रॉपर्टी डीलिंग जैसे धंधों में शामिल थे। इस पूरे नेटवर्क में भारतीय नागरिकों की मिलीभगत भी सामने आई है।

ट्रांसजेंडर बनकर छुपे घुसपैठिए

नॉर्थ वेस्ट और साउथ वेस्ट दिल्ली में पुलिस ने 14 ऐसे ट्रांसजेंडरों को पकड़ा है जो वास्तव में बांग्लादेशी नागरिक निकले। इन्होंने हार्मोनल इंजेक्शन और मामूली सर्जरी से अपना जेंडर बदला और दिल्ली की सड़कों पर रेड लाइट पर भीख मांगने लगे। इनका मकसद था पुलिस की निगाहों से बचना और लंबे समय तक भारत में रहना। पुलिस का कहना है कि यह तरीका बेहद खतरनाक है और इसमें कई डॉक्टर व बिचौलिए शामिल हो सकते हैं।

बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान

हुआ यह सत्यापन अभियान अब दिल्ली के हर जिले में चलाया जा रहा है। साउथ डिस्ट्रिक्ट ने 42 बांग्लादेशी, नॉर्थ वेस्ट ने 12, आउटर नॉर्थ ने 11 और रोहिणी जिले ने 7 घुसपैठियों को पकड़ा है। साउथ ईस्ट और साउथ रेंज पुलिस ने मिलकर 24 बांग्लादेशियों को जॉइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किया है। इनमें महिलाएं, बच्चे और ट्रांसजेंडर शामिल हैं। पकड़े गए कई बांग्लादेशियों के पास भारतीय पहचान पत्र, आधार कार्ड, वोटर आईडी और यहां तक कि राशन कार्ड भी मिले हैं। जांच में सामने आया है कि ये दस्तावेज उन्हें दिल्ली के ही कुछ एजेंटों और दलालों ने बनवाए थे। कुछ ने शादी के जरिए भारतीय नागरिकता पाने की कोशिश भी की। दिल्ली पुलिस अब इन एजेंटों की पहचान कर रही है।

हवाला नेटवर्क और पैसों की हेराफेरी

दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि ये लोग रेड लाइट, कबाड़ और मजदूरी से कमाए गए पैसे को हवाला के जरिए बांग्लादेश में अपने परिवारों को भेजते थे। यह एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा है, जो लंबे समय से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। पुलिस अब हवाला चैनल पर भी नजर रख रही है। कालिंदी कुंज, शाहीन बाग, ओखला, जामिया, निजामुद्दीन, आरके पुरम, महिपालपुर, मैदानगढ़ी और भाटी माइंस जैसे इलाकों में इन बांग्लादेशियों ने ठिकाने बना रखे हैं। यहां कुछ ने झुग्गियों में शरण ली तो कुछ किराए पर मकान लेकर व्यापार कर रहे थे। कुछ कबाड़ी का काम करते हैं तो कुछ छोटी दुकानों में मजदूरी।

चुनौतियां और अगली कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली की डेढ़ करोड़ की आबादी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान करना आसान नहीं है। इनके पास फर्जी दस्तावेज होने की वजह से इन्हें पकड़ना और भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि कार्रवाई और तेज होगी और ऐसे सभी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाएगा।


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