बाबा साहेब के विचारों को आत्मसात करने की दिल्ली सरकार की नई पहल: स्कूलों में होंगे विशेष ‘असेंबली सेशन’

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (13 अप्रैल 2025): संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के प्रतीक और राष्ट्रनायक डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर दिल्ली में भव्य आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा से आयोजित “वॉकथॉन” को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री आशीष सूद और रविन्द्र इन्द्राज सिंह सहित हजारों स्कूली बच्चे, युवा और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बताया।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर किसी एक जाति, वर्ग या समुदाय के नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष के महानायक हैं। उन्होंने अपने संघर्षों और विचारों के माध्यम से समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर किया। यही कारण है कि आज भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उनकी जयंती को श्रद्धा और सम्मान के साथ एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब को यदि “भारत का भाग्यविधाता” कहा जाए, तो वह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने न केवल संविधान का निर्माण किया, बल्कि उसमें समावेशिता, समानता और स्थायित्व जैसे मूल्य भी स्थापित किए, जिनकी बदौलत आज 140 करोड़ भारतीय समान अधिकारों और कर्तव्यों के साथ लोकतांत्रिक व्यवस्था में जीवन जी रहे हैं।

सीएम गुप्ता ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार बाबा साहब की जयंती को केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि एक पखवाड़े के रूप में मनाएगी। इस दौरान दिल्ली के सभी स्कूलों में विशेष ‘असेंबली सेशन’ आयोजित किए जाएंगे, जिनमें डॉ. अंबेडकर के जीवन, विचारों और संघर्षों से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही स्कूली बच्चों के बीच विभिन्न सांस्कृतिक व शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, ताकि नई पीढ़ी बाबा साहब के विचारों से प्रेरणा ले सके। शैक्षणिक संस्थानों में विशेष जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे, जिनका उद्देश्य समाज में समरसता, समावेशिता और न्याय की भावना को मजबूती देना होगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार केवल नारों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बाबा साहब के विचारों को व्यवस्था और नीतियों में उतारेगी। चाहे समान शिक्षा का अधिकार हो, स्वास्थ्य सेवाओं तक समावेशी पहुँच या हर नागरिक को गरिमा से जीवन जीने का अवसर—सरकार इन सभी क्षेत्रों में गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि पहली बार केंद्र सरकार ने बाबा साहब को वह सम्मान दिया, जिसके वे सच्चे अधिकारी थे। बाबा साहब की जयंती को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने और सार्वजनिक अवकाश घोषित करने जैसे निर्णय केवल औपचारिकताएं नहीं, बल्कि यह संदेश हैं कि भारत अब अपने असली नायकों को सम्मान दे रहा है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में उपस्थित छात्रों और नागरिकों से आह्वान किया कि डॉ. अंबेडकर को केवल स्मरण न करें, बल्कि उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि अगर आज हम एक समान, सशक्त और प्रगतिशील भारत का सपना देख रहे हैं, तो हमें बाबा साहब के विचारों को राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर अपनाना होगा। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जयकारों के साथ बाबा साहेब को नमन किया और उन्हें सदैव हृदय और मस्तिष्क में जीवित रखने का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार बाबा साहब के विचारों को केवल पुस्तकों और भाषणों तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारकर एक समरस समाज के निर्माण की दिशा में निरंतर कार्य करेगी।


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