यूपी – बिहार में बिजली गिरने से 74 लोगों की मौत, मौसम वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
टेन न्यूज़ नेटवर्क
पटना (11 अप्रैल 2025): पश्चिमी विक्षोभ के असर ने एक बार फिर उत्तर भारत में कहर बरपा दिया है। बीते 24 घंटों में दिल्ली-एनसीआर से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड तक तेज़ हवाओं, बारिश और आंधी का व्यापक असर देखने को मिला। इस आपदा में सबसे भयावह रहा उत्तर प्रदेश और बिहार का हाल, जहां आकाशीय बिजली गिरने से 74 से अधिक लोगों की जान चली गई। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए फिर से बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है, जिससे स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।
हर साल आने वाली इस विनाशकारी प्राकृतिक घटना ने अब एक अहम सवाल खड़ा कर दिया है। आखिर क्यों यूपी और बिहार ही सबसे ज़्यादा प्रभावित रहते हैं? इस सवाल का जवाब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने विस्तार से दिया। उन्होंने बताया कि इन राज्यों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं क्यों लगातार बढ़ रही हैं और इससे बचाव के लिए क्या कदम जरूरी हैं। डॉ. नरेश कुमार के अनुसार, इस बार पश्चिमी विक्षोभ हिमालय क्षेत्र में काफी सक्रिय रहा, जिससे पूरे उत्तर भारत में मौसम अस्थिर हो गया। 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, कहीं तेज़ बारिश हुई तो कहीं आंधी ने कहर ढाया। इसके साथ ही समुद्र और ज़मीन के तापमान में अंतर भी इसका एक बड़ा कारण बना। इस समय समुद्र अपेक्षाकृत ठंडा होता है जबकि ज़मीन काफी गर्म हो जाती है, जिससे समुद्री क्षेत्र में हाई प्रेशर ज़ोन और ज़मीन पर लो प्रेशर ज़ोन बन जाता है।
इस परिस्थिति में समुद्र से ज़मीन की ओर तेज़ हवाएं आती हैं, जो साथ में नमी यानी मॉइश्चर भी लेकर आती हैं। जब यह नमी लो प्रेशर ज़ोन में मिलती है, तो ऊंचाई पर जाकर वह अस्थिर हो जाती है और बिजली चमकने, गिरने और आंधी-तूफान जैसी गतिविधियों को जन्म देती है। पूर्वी भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में यह चक्रवातीय गतिविधियां प्री-मानसून सीज़न में ज़्यादा देखने को मिलती हैं, जिससे ये राज्य बार-बार बिजली गिरने की त्रासदी झेलते हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि ये राज्य भौगोलिक और मौसमी दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग हर साल प्री-मानसून में बिजली गिरने की घटनाओं की संभावना को देखते हुए पहले से अलर्ट जारी करता है। फिर भी ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी के चलते हर साल सैकड़ों लोग इस आपदा के शिकार बन जाते हैं।
फिलहाल, मौसम विभाग ने आज और कल के लिए बिहार में ऑरेंज अलर्ट और यूपी-झारखंड में भी संभावित बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे बिना आवश्यकता खुले में न निकलें, विशेषकर खेतों, खुले मैदानों और ऊंचे पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें। यह समय है जब न केवल शासन-प्रशासन को बल्कि आम जनता को भी सतर्कता और जागरूकता के साथ इस प्राकृतिक आपदा से खुद को बचाना होगा। क्योंकि मौसम चेतावनियां केवल तभी प्रभावी होती हैं, जब उन पर समय रहते अमल किया जाए।।
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