दिल्ली में व्यापार करना हुआ महंगा, हेल्थ ट्रेड और जनरल ट्रेड लाइसेंस शुल्क में 15% की बढ़ोतरी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (11 अप्रैल 2025): दिल्ली में नया व्यापार शुरू करना या पुराने लाइसेंस को नवीनीकृत कराना अब और महंगा हो गया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने नए वित्त वर्ष की शुरुआत में जनता पर एक और आर्थिक बोझ डालते हुए हेल्थ ट्रेड लाइसेंस, जनरल ट्रेड लाइसेंस और स्टोरेज लाइसेंस के शुल्क में 15 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। इससे पहले एमसीडी कूड़ा उठाने के शुल्क में बढ़ोतरी कर चुकी है और अब इस निर्णय ने छोटे-बड़े व्यापारियों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।

इस बढ़ोतरी से खासतौर पर रेस्टोरेंट, ढाबा, होटल, गेस्ट हाउस, बेकरी, ट्रैवल एजेंसी, साइबर कैफे, सैलून, ब्यूटी पार्लर, मेडिकल स्टोर, बैंक्वेट हॉल, और मोटर साइकिल रिपेयरिंग जैसे छोटे व्यापारों पर सीधा असर पड़ेगा। इन सभी को हेल्थ ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है और अब उन्हें पहले से अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा। साथ ही, जो व्यापारी पहले ही लाइसेंस ले चुके हैं, उन्हें नवीनीकरण के समय भी बढ़ी हुई राशि अदा करनी होगी।

नगर निगम ने बताया कि वह हर वर्ष औसतन 11,661 हेल्थ ट्रेड लाइसेंस और 6,000 से अधिक जनरल ट्रेड लाइसेंस जारी करता है। वर्ष 2022 में इन लाइसेंसों से निगम की आय लगभग 95 करोड़ रुपये थी, जो इस वर्ष बढ़कर 1500 रुपये तक के लाइसेंस शुल्क पर 75 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। निगम को इस बार हेल्थ ट्रेड लाइसेंस से 55 करोड़ रुपये की आमदनी होने की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष इससे 82 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।

इस फैसले को निगम की स्थायी समिति से स्वीकृति मिलने के बाद लागू किया गया है। वर्ष 2022 के बाद अब यह दूसरी बार है जब लाइसेंस शुल्क में वृद्धि की गई है। एमसीडी का तर्क है कि महंगाई और बढ़ती प्रशासनिक लागत के चलते यह वृद्धि आवश्यक थी। हालांकि व्यापारी वर्ग इसे एकतरफा और आर्थिक रूप से नुकसानदेह निर्णय मान रहा है।

दिल्ली के व्यापारियों ने चिंता जताते हुए कहा है कि महंगाई के इस दौर में पहले से ही छोटे कारोबारियों पर आर्थिक दबाव है और अब लाइसेंस शुल्क में इस तरह की बढ़ोतरी से उनका व्यवसाय और प्रभावित होगा। व्यापार संघों ने निगम से अपील की है कि इस निर्णय को पुनः विचार कर रद्द किया जाए या कम से कम छोटे व्यापारियों को राहत दी जाए।

इस बढ़ी हुई दर का असर न सिर्फ नए व्यापारियों पर पड़ेगा, बल्कि पहले से व्यवसाय चला रहे उन हजारों लोगों पर भी होगा, जो हर वर्ष अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराते हैं। यह निर्णय आगामी दिनों में व्यापारिक माहौल पर किस तरह असर डालेगा, यह देखना बाकी है।।


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